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Up Kiran, Digital News: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को धर्म के नाम पर 26 मासूमों की निर्मम हत्या की आतंकी घटना ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा की गई यह कायराना हरकत सीमा पार से जारी उस नापाक एजेंडे का हिस्सा है, जिसका मकसद भारतीयों के मन में दहशत पैदा करना और धार्मिक विद्वेष फैलाना है। हालांकि, भारतीय सेनाएं 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे रही हैं। सरहद पर जहां हमारे जवान दुश्मनों से लोहा ले रहे हैं, वहीं देश के आम नागरिक भी सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसालें पेश कर इस नापाक मंसूबे को विफल कर रहे हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक तस्वीर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले से सामने आई है।
राजस्थान की ये तस्वीर देख दुःखी हो जाएगा पाकिस्तान
सवाई माधोपुर जिले के भगवतगढ़ गांव की एक छोटी सी ढाणी में धार्मिक एकता और मानवीय संवेदनाओं का अद्भुत संगम देखने को मिला। यहां एक हिंदू महिला को जब अपने मायके पक्ष से मायरे की रस्म में निराशा हाथ लगी, तो मुस्लिम गद्दी समाज ने आगे बढ़कर न केवल उनकी सदियों पुरानी परंपरा को निभाया बल्कि समाज को एकता और भाईचारे का एक मजबूत संदेश भी दिया।
सीता धोबी नामक एक महिला अपने बेटे की शादी के लिए मायरे की उम्मीद में अपने पैतृक गांव गोगोर गई थीं। मायरा, राजस्थान की एक महत्वपूर्ण सामाजिक परंपरा है जिसमें दुल्हन या दूल्हे के मामा और अन्य रिश्तेदार कपड़े, गहने और नकद राशि भेंट करते हैं। लेकिन सीता को उस वक्त गहरा दुख हुआ जब उनके भाइयों ने मायरे का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया। निराशा और वेदना से भरी सीता ने गांव की मस्जिद में अपनी मायरे की टोकरी (छाबड़ी) रख दी, जो एक मौन लेकिन गहरी भावनात्मक अपील थी।
मुस्लिम समाज ने बुलाई पंचायत
जैसे ही यह मार्मिक घटना गांव के मुस्लिम गद्दी समाज के लोगों तक पहुंची, उन्होंने तुरंत एक पंचायत बुलाई। पंचायत में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि वे इस हिंदू बहन का मायरा स्वयं भरेंगे। यह फैसला न केवल मानवीय संवेदनाओं से ओतप्रोत था बल्कि आपसी भाईचारे और एकता की एक मजबूत अभिव्यक्ति भी थी। इसके बाद गोगोर गांव के गद्दी समाज के प्रमुख लोग सीता के घर पहुंचे और पूरे सम्मान के साथ मायरे की रस्म अदा की।
इस अभूतपूर्व सहयोग में 45 जोड़े नए कपड़े, 51 हजार रुपए नकद और कई अन्य उपहार शामिल थे। जादौन इंटरप्राइजेज के मालिक साबिर सेठ और साजिद मास्टर ने मिलकर 31 हजार रुपए की नकद राशि भेंट की। इसके अलावा हाजी मोहम्मद इलियास, मोहम्मद नूरद्दीन, मोहम्मद साबू, मोहम्मद अमीर, आमीन, मोहम्मद शकील, मोहम्मद इमरान और मोहम्मद आबिद सहित गांव के कई अन्य निवासियों ने भी अपनी क्षमतानुसार योगदान दिया।
सीता ने मुस्लिम भाइयों को दिया सम्मान
मुस्लिम समाज द्वारा किए गए इस निस्वार्थ सहयोग से अभिभूत सीता ने सभी का हृदय से आभार व्यक्त किया और पूरे सम्मान के साथ उन्हें अपने घर पर आमंत्रित किया। इस घटना ने गांव में आपसी प्रेम, सहयोग और धार्मिक सौहार्द की भावना को एक नई ऊंचाई दी है।
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