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Up Kiran, Digital Desk: शीतकाल में जब बच्चे खांसी-जुकाम की शिकायत लेकर आते हैं, तो कई माता-पिता तुरंत सिरप का सहारा लेते हैं। लेकिन सीनियर पीडियाट्रिक विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू नुस्खे सिरप से कहीं बेहतर और सुरक्षित साबित होते हैं। खासकर दो साल से कम उम्र के बच्चों के लिए गर्म पानी, भाप लेना और पौष्टिक खाना ज्यादा फायदेमंद हैं। इससे न केवल बीमारी जल्दी ठीक होती है, बल्कि दवाओं के साइड इफेक्ट से भी बचा जा सकता है।

कफ सिरप बच्चों के लिए कितना खतरनाक?
एक चौकाने वाली बात यह भी है कि कई देशों में 15 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप देना पूरी तरह से मना है। इसका कारण है कि ज्यादातर कफ सिरप में मौजूद प्रिजरवेटिव्स, जैसे डाइएथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल, बच्चों के किडनी और लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे उनके अंगों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। इसलिए, बिना डॉक्टर की सलाह के सिरप देना खतरनाक साबित हो सकता है।

डॉक्टर से सलाह लेना क्यों जरूरी है?
बच्चों को दवाइयां देते समय उनके वजन के अनुसार ही डोज निर्धारित होती है। पीडियाट्रिक एक्सपर्ट का कहना है कि सिरप केवल डॉक्टर की सटीक सलाह के बाद ही दें। गलत मात्रा या बिना जांच के दवाएं लेने से बच्चे की सेहत को नुकसान हो सकता है। इसलिए बच्चे के लिए हमेशा विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक है।

खांसी-जुकाम से लड़ने के आसान और सुरक्षित तरीके
जब बच्चों को खांसी-जुकाम हो, तो पहले उन्हें आराम देना और गर्म पानी या भाप के जरिए राहत पहुंचाना बेहतर होता है। सही नींद लेना भी इस बीमारी को दूर करने में मददगार साबित होता है। सिरप को अंतिम विकल्प के रूप में ही अपनाएं, खासकर तब जब घरेलू इलाज से आराम न मिले।