
उत्तराखंड में कोविड-19 पीरियड के दौरान जेलों से पैरोल पर छोड़े गए 320 बंदी फरार चल रहे हैं। सभी दबिशों व नोटिसों के बाद भी इनका कुछ अता पता नहीं है। अब इन बंदियों को पकड़ने के लिए पुलिस मिशन शुरू करने जा रही है। इसके लिए समस्त जनपदों से लापता बंदियों की संशोधित सूची मांगी गई है। तत्पश्चात, दबिशों का दौर शुरू किया जाएगा।
सन् 2020 में कोविड काल के पहले लॉकडाउन में अप्रैल में जेलों से 891 विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदियों को पैरोल पर रिहा करने के आदेश जारी किए गए थे. जेलों में वायरस को कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है। इनमें से करीब 850 कैदी रिहा होकर अपने-अपने घर चले गए। वहीं, कुछ ने जाने से मना कर दिया। तीन माह की पैरोल पूरी होने के बाद अधिकांश कैदी अपनी-अपनी जेलों में लौट चुके थे।
तत्पश्चात, अगले साल फिर से लॉकडाउन हो गया। इस पर पुन: हाईकोर्ट के निर्देश पर उत्तराखंड की 11 जेलों से करीब 830 बंदियों को रिहा करने का निर्णय लिया गया. इनमें से कई कैदी पैरोल की अवधि पूरी होने के बाद वापस जेल भी लौट आए। कईयों को पुलिस ने पकड़कर जेलों में बंद कर दिया है, मगर अभी भी 320 कैदी ऐसे हैं जो जेलों में वापस नहीं लौटे हैं.
जेल प्रशासन ने इन कैदियों का नंबर पुलिस हेडक्वाटर को उपलब्ध करा दिया है। इसके आधार पर अब जिला व अनुमंडल कारागार से अपने स्थान से छूटे व वापस नहीं लौटने वाले कैदियों की लिस्ट मांगी गई है। पुलिस अपराधियों को संरक्षण देने वालों पर सख्ती भी दिखा सकती है।
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