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बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव के वक्फ कानून को लेकर दिए गए बयान के बाद राज्य की राजनीति में हड़कंप मच गया है। तेजस्वी ने हाल ही में कहा था कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की सही देखरेख होनी चाहिए और सरकार को इसे लेकर ठोस कदम उठाने चाहिए। उनके इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कड़ा विरोध जताया है।

बीजेपी नेताओं का कहना है कि तेजस्वी यादव अब समाजवाद की राह छोड़कर 'नमाजवाद' की राजनीति करने लगे हैं। पार्टी प्रवक्ताओं ने उन पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया और कहा कि वे वोटबैंक की राजनीति के लिए वक्फ कानून का सहारा ले रहे हैं।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव ने कहा, "तेजस्वी यादव का ये बयान समाज में विभाजन पैदा करने वाला है। वक्फ बोर्ड एक धार्मिक संस्था है, जिसमें सरकारी दखल की बात करना संविधान के खिलाफ है।" उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी सिर्फ एक समुदाय को खुश करने के लिए ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं।

उधर, आरजेडी के नेताओं ने तेजस्वी का बचाव करते हुए कहा कि उनका मकसद सिर्फ वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और संरक्षण सुनिश्चित करना है। पार्टी का कहना है कि तेजस्वी ने किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि व्यवस्था को दुरुस्त करने की बात की है।

इस बयान के बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। चुनावी मौसम में इस मुद्दे ने एक बार फिर धर्म और राजनीति के रिश्ते पर बहस छेड़ दी है।

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