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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में शराबबंदी को लेकर एक बार फिर राजनीतिक पारा चढ़ता दिख रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी, जनता दल यूनाइटेड (JDU), के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा ने हाल ही में मधुबनी में आयोजित एक एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान शराबबंदी के मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी और विपक्ष पर जमकर निशाना साधा।

वर्मा ने स्पष्ट कहा कि शराबबंदी के बावजूद यदि कोई व्यक्ति शराब का सेवन करता भी है, तो वह खुलेआम नहीं बल्कि चुपचाप अपने घर में बैठकर करता है। उन्होंने दावा किया कि शराब पीने वालों को डर है कि यदि वे सार्वजनिक रूप से पकड़े गए, तो पुलिस सीधे जेल में डाल सकती है।

"सड़क पर नहीं दिखते शराबी, डर का असर है"

अपने भाषण में उन्होंने कहा, "आज बिहार में कोई भी व्यक्ति अगर शराब पीता भी है, तो वह सड़क पर नजर नहीं आता। सभी को कानून का डर है। लोग घर में चुपचाप सो जाते हैं क्योंकि उन्हें डर है कि पुलिस पकड़ न ले।"

हालांकि, इस सख्त कानून व्यवस्था के बीच शराब की अवैध बिक्री और होम डिलीवरी के आरोप लगातार विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे हैं। नेताओं, पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की मिलीभगत से यह काला कारोबार चलने की बात कही जाती रही है, जिससे राज्य को हर साल हजारों करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होता है।

प्रशांत किशोर पर हमला, "शराब माफिया से पैसे लेकर चला रहे प्रचार"

मनीष वर्मा का असली निशाना जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर रहे। उन्होंने किशोर के उस बयान पर सवाल उठाए जिसमें उन्होंने सत्ता में आने पर एक घंटे में शराबबंदी खत्म करने की बात कही थी। वर्मा ने आरोप लगाया, "कितना पैसा लिया है शराब कारोबारियों से? वही पैसा प्रचार में बहाया जा रहा है। शराब माफिया की गोद में बैठकर लोकतंत्र का अपहरण करना चाहते हो?"

उन्होंने प्रशांत किशोर के पोस्टर, भाषणों और गांधी जी के नाम के इस्तेमाल पर भी तंज कसा और कहा कि एक ही झूठ बार-बार बोलने से वह सच नहीं हो जाता। उन्होंने आरोप लगाया कि किशोर शराबबंदी हटाकर बिहार में "शराब की नदियां" बहाना चाहते हैं।

"गांधी जी की राह छोड़, शराब का रास्ता अपना रहे हैं"

वर्मा ने गांधी जी के विचारों का हवाला देते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने एक बार कहा था कि यदि उन्हें भारत का तानाशाह एक घंटे के लिए भी बनाया जाए, तो वे सबसे पहले शराब की दुकानों को बिना मुआवजे बंद करवा देंगे। उन्होंने इस बात को उठाकर किशोर की मंशा पर सवाल उठाया और कहा कि गांधी जी का नाम लेकर शराब को बढ़ावा देना एक गहरी साजिश का हिस्सा है।

"बिहार को शराब में डुबोने की कोशिश"

भाषण के अंत में वर्मा ने यह भी कहा कि "तुम चाहते हो कि बिहार के युवा, पुरुष, पिता, सब शराब के नशे में डूब जाएं? यह प्रदेश को तबाह करने की साजिश है।" उनका यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि आने वाले चुनावों में शराबबंदी एक बार फिर बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनने जा रहा है।

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