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Up Kiran, Digital Desk: कौशांबी के चायल से समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल को गुरुवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब पूजा पाल ने विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खुले तौर पर प्रशंसा की थी।
पूजा पाल के पति राजू पाल की 2005 में प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में हत्या हो गई थी। इस मामले में माफिया नेता अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ पर हत्या का आरोप था। पूजा पाल ने विधानसभा में कहा कि उनके पति के हत्यारों को सजा दिलाने में मुख्यमंत्री योगी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने उन्हें न्याय दिलाया।
हालांकि, ये कोई पहला मौका नहीं है जब पूजा पाल सपा की मुख्यधारा से अलग नजर आईं। राज्यसभा चुनाव के दौरान पूजा पाल समेत कुल आठ विधायकों ने पार्टी की रणनीति के खिलाफ जाकर भाजपा के पक्ष में वोटिंग की थी, जिसे पार्टी में विद्रोह माना गया। उन आठ में से चार विधायकों को पहले ही पार्टी ने निष्कासित कर दिया था। अब पूजा पाल को भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निकाला गया है, जो कि योगी सरकार की तारीफ के बाद हुआ है।
जब इससे पहले चार विधायकों के निष्कासन और बाकी विधायकों पर कोई कार्रवाई न करने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा था कि बाकी सदस्यों को सुधार का अवसर दिया जा रहा है। लेकिन गुरुवार को अखिलेश यादव के हस्ताक्षर से जारी पत्र में स्पष्ट रूप से पूजा पाल पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।
पूजा पाल के निष्कासन से सपा के अंदर चल रहे दवाब और असंतोष की भी तस्वीर साफ नजर आ रही है, जहां पार्टी नेतृत्व ने सख्ती दिखाते हुए अपने संगठन में अनुशासन बनाए रखने को प्राथमिकता दी है। आगामी दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस मामले को किस तरह संभालती है और विपक्षी सियासत में इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
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