लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी लोकसभा का चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोके हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर पार्टी के सभी शीर्ष नेता ताबड़तोड़ सभाएं कर रहे हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश में बयार बीजेपी के विपरीत बहती नजर आ रही है। प्रदेश के अवध इलाके की अधिकाँश सीटों पर इंडिया गठबंधन का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। रायबरेली में बीजेपी ने दिनेश सिंह को दोबारा उम्मीदवार बनाया है। लेकिन सदर विधायक अदिति सिंह की खामोशी ने बीजेपी के रणनीतिकारों को बेचैन कर रखा है।
उल्लेखनीय है कि रायबरेली में सदर विधानसभा में अदिति सिंह की सियासी जमीन मजबूत है। हालांकि इस चुनाव में अदिति सिंह उदासीनता की चादर ओढ़ रखी है। उनके इस रूख से बीजेपी थिंकटैंक हलकान और परेशान है। इस बीच सोशल मीडिया पर अदिति की एक पोस्ट से सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है। इस पोस्ट में अदिति ने पिता अखिलेश के साथ अपनी फोटो डाली है और कैप्शन में लिखा है कि वसूलों के साथ समझौता नहीं।
अदिति सिंह रायबरेली के कद्दावर नेता रहे अखिलेश सिंह की पुत्री हैं। इस समय वह सदर से बीजेपी विधायक हैं। लोकसभा चुनाव में सदर विधानसभा की अलग ही अहमियत मानी जाती है। सदर विधानसभा में कांग्रेस हमेशा से हर चुनाव में बड़ी लीड लेती रही है। ऐसे में बीजेपी के लिए सदर विधानसभा क्षेत्र की अहमियत समझी जा सकती है। अदिति के इस रूख से कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी की राह आसान होती जा रही है।
रायबरेली की सियासत को जानने वालों का कहना है कि सदर विधायक अदिति सिंह की उदासीनता बीजेपी का खेल बिगाड़ सकती है। हालांकि ऐन चुनाव के वक्त अदिति की खामोशी पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि रविवार को जीआईसी मैदान में बीजेपी की जनसभा में सदर विधायक अदिति सिंह अपनी मां एवं अमावां ब्लॉक प्रमुख वैशाली सिंह के साथ पहुंची, लेकिन वह चुप ही रही। इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में अदिति सिंह का नाम पहले लिया।
--Advertisement--