
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हाल ही में आई तबाही ने कई लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। यहां के कई घर बुरी तरह से टूट गए, लोगों का सामान बिखर गया और कई परिवार बेघर हो गए। इस मुश्किल समय में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुंछ पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनका हाल जाना।
राहुल गांधी ने वहां के हालात को देखकर दुख जताया और कहा कि यह केवल मकान ही नहीं टूटे हैं, बल्कि लोगों के सपने और सालों की मेहनत भी बिखर गई है। उन्होंने कहा कि "मैं यहां केवल एक राजनेता की तरह नहीं, बल्कि एक साथी और दोस्त की तरह आया हूं। मैं आपके दुख में बराबर का भागी हूं।"
उन्होंने प्रभावित लोगों को भरोसा दिलाया कि वे इस संकट की घड़ी में अकेले नहीं हैं। "टूटे मकान दोबारा बन सकते हैं, लेकिन आपकी हिम्मत और आत्मबल सबसे बड़ी ताकत है। मैं और मेरी पार्टी आपके साथ मजबूती से खड़े हैं," राहुल गांधी ने कहा।
राहुल गांधी ने स्थानीय प्रशासन से भी अपील की कि राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए ताकि लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि जो नुकसान हुआ है, उसकी सही भरपाई हो और सरकार पूरी जिम्मेदारी के साथ मदद करे।
राहुल के दौरे के बाद वहां के लोगों में थोड़ी राहत देखने को मिली। उन्होंने उनके आने को एक सहारा और उम्मीद की किरण बताया। स्थानीय लोगों ने बताया कि राहुल गांधी ने जमीन पर बैठकर उनसे सीधे बात की और उनकी परेशानियों को गंभीरता से सुना।
यह दौरा केवल एक राजनीतिक यात्रा नहीं थी, बल्कि मानवीय संवेदनाओं से जुड़ा एक संदेश था — कि संकट चाहे जितना भी बड़ा हो, इंसानियत और साथ मिलकर चलने का जज्बा हर मुश्किल को हरा सकता है।
--Advertisement--