
Up Kiran, Digital Desk: भारत के रक्षा क्षेत्र से एक बहुत ही महत्वपूर्ण और उत्साहजनक खबर सामने आई है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में देश का रक्षा उत्पादन ₹1.46 लाख करोड़ के अब तक के सबसे ऊँचे स्तर पर पहुँच गया है। यह उपलब्धि रक्षा निर्माण में देश की बढ़ती क्षमता और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान की सफलता को दर्शाती है।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, यह आंकड़ा पिछले वित्तीय वर्ष (2022-23) के ₹1.1 लाख करोड़ और उससे पिछले वर्ष (2021-22) के ₹95,000 करोड़ से काफी ज़्यादा है। यह लगातार तीसरा साल है जब रक्षा उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
राजनाथ सिंह ने इस रिकॉर्ड वृद्धि पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह भारत को रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि इस कुल उत्पादन में, निजी क्षेत्र और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (DPSUs) का योगदान ₹1.16 लाख करोड़ से ज़्यादा रहा है। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि पहली बार निजी क्षेत्र का योगदान ₹1 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है, जो घरेलू उद्योग की बढ़ती भागीदारी और सरकार की नीतियों में उनके विश्वास का प्रमाण है।
रक्षा मंत्री ने यह भी दोहराया कि सरकार का लक्ष्य 2028-29 तक रक्षा उत्पादन को ₹3 लाख करोड़ तक ले जाना है। इस वृद्धि से न केवल देश की सुरक्षा क्षमताएं मजबूत होती हैं, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति मिलती है और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं।
यह रिकॉर्ड उत्पादन 'मेक इन इंडिया' पहल को मिले ज़बरदस्त प्रोत्साहन और घरेलू रक्षा उद्योग के विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करता है। यह भारत को रक्षा उपकरणों के आयात पर अपनी निर्भरता कम करने और निर्यात बढ़ाने में भी मदद करेगा।
--Advertisement--