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Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान के साथ ही भारत ने दुनिया को एक बार फिर याद दिला दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति स्पष्ट, कड़ी और निष्कलंक है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सराहना और शब्दों ने इस दृढ़ संकल्प को और मजबूत किया जब उन्होंने सशस्त्र बलों की "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत साहसी कार्रवाई पर प्रशंसा की।

क्यों है ऑपरेशन सिंदूर महत्वपूर्ण

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर किया गया आतंकी हमला, जिसमें 26 मासूम जानें चली गईं, केवल एक त्रासदी नहीं थी — यह भारत की आत्मा पर हमला था। और इसका जवाब वैसा ही होना था जो आतंक की जड़ों तक पहुंचे।

यही था ऑपरेशन सिंदूर — भारत की तरफ से एक सटीक, सोचा-समझा और रणनीतिक सैन्य प्रतिघात।

9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले

भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में मौजूद कुल 9 आतंकी अड्डों को निशाना बनाया। इनमें कुछ नाम ऐसे हैं जिन्हें सुनकर ही 26/11 की यादें ताज़ा हो जाती हैं:

बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ — मरकज़ सुभान अल्लाह

मुरीदके: लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय — मरकज़ तैयबा

मुजफ्फराबाद और कोटली: जैश और हिज्बुल मुजाहिदीन के कई अड्डे

तेहरा कलां, बरनाला, सियालकोट: अन्य प्रशिक्षण शिविर और आतंकी ठिकाने

इनमें कुछ ठिकाने ऐसे भी थे जहाँ अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी। यहां तक कि ओसामा बिन लादेन ने भी मुरीदके में एक गेस्ट हाउस के निर्माण के लिए फंडिंग की थी।

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