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मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर सोमवार को मध्य नागपुर में तनाव फैल गया, जिसमें 20 से अधिक पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए। शहर के कई हिस्सों में भीड़ और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के बाद पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज का सहारा लिया। अफसरों ने कहा कि महल इलाके में तलाशी अभियान के दौरान करीब 65 लोगों को अरेस्ट किया गया है, जहां आरएसएस मुख्यालय भी है।

कई वाहनों को आग लगा दी गई, घरों पर पथराव किया गया और दोपहर तक कोटावाली और गणेशपेठ इलाकों में अशांति फैल गई, जिससे सड़कें अराजक हो गईं। सीएम देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शांति की अपील की, जबकि विपक्ष ने राज्य सरकार पर कानून-व्यवस्था के बिगड़ने का आरोप लगाया।

ये हिंसा उस वक्त भड़की जब बजरंग दल के सदस्यों ने महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए, जिसमें कुरान को जलाने की अफवाह फैलाई गई, जिससे मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया। बाद में कथित घटना के बारे में गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई।

महल में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के बाद दोपहर में अशांति शुरू हुई। चिटनिस पार्क और शुक्रवारी तालाब रोड इलाकों में जल्द ही झड़पें शुरू हो गईं, जहां चार पहिया वाहनों को आग लगा दी गई और घरों और पुलिस टीमों पर पत्थर फेंके गए। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज किया गया। पुलिस अफसरों ने बताया कि बाद में हिंसा कोतवाली और गणेशपेठ तक फैल गई। तलाशी अभियान के दौरान डीसीपी निकेतन कदम समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश में दो अन्य अफसर भी घायल हो गए।