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उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद सपा में अखिलेश यादव ने 2024 को लेकर रणनीति बदली है और शिवपाल सिंह यादव के घोसी विधानसभा के मॉडल और मैनपुरी लोकसभा के मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी में हैं।

सपा अध्यक्ष ने सपा के दलित नेताओं को गांव गांव जाकर सामाजिक न्याय और सरकार की नीतियों की सच्चाई बताने का अभियान चलाने का निर्णय़ लिया है। अखिलेश यादव ने जिलेवार समीक्षा बैठक की जिसमें सभी सेक्टर प्रभारी के नेतृत्व में दलित नेताओं को आगे किए जाने का निर्णय़ लिया गया है। अल्पसंख्यक के साथ ओबीसी वर्ग को रिझाने की कोशिश सपा बीते कई महीनों से करती आई है।

अब दलित वर्ग पर फोकस है। इसलिए अखिलेश यादव ने घोसी विधानसभा की जीत का मॉडल सभी लोकसभा सीटों पर बताने के लिए दलित नेताओं को आगे किया है।

दरअसल 22 के चुनाव में दलित वर्ग का अधिकांश वोट बीजेपी को मिला। अब सपा मुफ्त राशन और किसानों को मिलने वाली आर्थिक मदद की सच्चाई दलित वर्ग के सामने रखकर उन्हें जोड़ना चाहती है। सपा की तरफ से खासकर उन नेताओं को जिम्मेदारी दी गई जो बसपा में कभी रहे हैं और अन्य दलित नेताओं को भी विशेष रूप से तवज्जो दी जाती है।

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