_539968472.png)
Up Kiran, Digital Desk: हम सभी ने 'महाप्रलय' के किस्से सुने हैं। बाढ़, ज्वालामुखी, उल्का पिंड और जलवायु परिवर्तन जैसे संकट जो धरती पर जीवन को तबाह कर चुके हैं। मंगर अब वैज्ञानिकों ने जो खोज की है वो बताती है कि हमारी धरती एक और प्रकार की ‘तबाही’ से भी कभी गुजर चुकी है और ये तबाही आई थी सूरज से।
ये कोई साधारण तूफान नहीं था बल्कि एक सोलर सुपरस्टॉर्म यानी एक ऐसा सौर तूफान जिसने पृथ्वी के वायुमंडल को बुरी तरह प्रभावित किया।
पेड़ों की याददाश्त में कैद ‘प्रलय’ की दास्तान
वैज्ञानिकों का दावा है कि इस घटना के प्रमाण आज भी हजारों साल पुराने पेड़ों की रिंग्स (वार्षिक छल्लों) में मौजूद हैं। ये रिंग्स कार्बन-14 की मात्रा में एक असामान्य वृद्धि को दिखाती हैं — जो एक विशाल सौर विस्फोट की निशानी है। 2023 में वैज्ञानिकों ने दक्षिणी फ्रांस में 14300 साल पुराना एक पेड़ का नमूना खोजा जिसमें इतिहास का सबसे शक्तिशाली मियाके इवेंट दर्ज था — यह अब तक के ज्ञात सभी मियाके इवेंट्स से दो गुना ज्यादा शक्तिशाली था।
सोचिए अगर ऐसा सौर तूफान आज आता तो क्या होता
बिजली ग्रिड फेल हो जाते
इंटरनेट हमेशा के लिए ठप हो सकता था
सैटेलाइट्स जल सकते थे
GPS सिस्टम बैंकिंग फ्लाइट्स और संचार ठप हो जाते
यानी आधुनिक जीवन जैसा हम जानते हैं — वह कुछ ही मिनटों में खत्म हो जाता।
कौन हैं फुसा मियाके
इस रहस्यमयी घटना का नाम पड़ा है जापानी वैज्ञानिक फुसा मियाके के नाम पर जिन्होंने 2012 में पहली बार इसकी खोज की थी। तब वह एक पीएचडी छात्र थे और जापानी देवदार के पेड़ों पर स्टडी कर रहे थे। उन्होंने देखा कि साल 12350 ईसा पूर्व में कार्बन-14 की मात्रा में जबरदस्त वृद्धि हुई थी — जो सूरज से आए एक खतरनाक कणों के झोंके की तरफ इशारा करता था।
मियाके इवेंट्स कितने बार हो चुके हैं
अब तक कम से कम छह मियाके इवेंट्स की पहचान की जा चुकी है। इनमें से कुछ 775 AD और 993 AD जैसे ऐतिहासिक वर्षों में भी आए थे। मंगर जो 14300 साल पहले आया था वह अब तक का सबसे शक्तिशाली माना जा रहा है।
क्या हम इसके लिए तैयार हैं
सवाल ये है कि क्या आज की दुनिया ऐसे किसी सौर प्रलय के लिए तैयार है। NASA और ESA जैसे अंतरिक्ष एजेंसियां स्पेस वेदर की निगरानी कर रही हैं मंगर मियाके इवेंट जैसा विशाल विस्फोट आज भी हमारी तैयारी की सीमाओं से बाहर है।
--Advertisement--