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Up Kiran, Digital Desk: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व CM अशोक गहलोत ने RSS चीफ मोहन भागवत के हालिया बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। गहलोत ने सवाल उठाया कि क्या भागवत देश में एक बार फिर राम जन्मभूमि आंदोलन जैसी उथल-पुथल खड़ी करना चाहते हैं। मामला भागवत के उस बयान से जुड़ा है जिसमें उन्होंने काशी और मथुरा के मंदिर आंदोलनों पर टिप्पणी की थी।
दरअसल, आरएसएस चीफ ने 28 अगस्त 2025 को दिल्ली में संघ के शताब्दी समारोह के दौरान कहा था कि संगठन काशी और मथुरा आंदोलनों का आधिकारिक समर्थन नहीं करेगा। हालांकि, संघ के स्वयंसेवक चाहें तो व्यक्तिगत स्तर पर इनमें हिस्सा ले सकते हैं। भागवत ने यह भी कहा कि अयोध्या, काशी और मथुरा हिंदुओं की आस्था के केंद्र हैं और मुस्लिम समुदाय को भाईचारे की भावना से इन्हें हिंदुओं को सौंप देना चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ तीन मंदिरों का मामला है। साथ ही उन्होंने यह भी सलाह दी कि हर जगह मंदिर या शिवलिंग खोजने की प्रवृत्ति सही नहीं है।
इस बयान पर गहलोत ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन के समय देश ने बड़े स्तर पर उथल-पुथल और हिंसा देखी थी। अगर अब काशी-मथुरा को लेकर ऐसी ही स्थिति बनाई गई, तो देश का भविष्य अनिश्चित हो जाएगा। गहलोत ने भागवत से स्पष्टीकरण मांगते हुए सवाल किया कि अचानक इस तरह का बड़ा बयान देने के पीछे उनका उद्देश्य क्या है।
इससे पहले जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने आरएसएस को लेकर सकारात्मक टिप्पणी की थी। गहलोत ने उस बयान का स्वागत किया और कहा कि यह अच्छी पहल है। लेकिन भागवत के बयानों को लेकर उन्होंने तीखी आलोचना की और इशारा किया कि इस तरह की टिप्पणियाँ अनावश्यक बहस और विवाद को जन्म देती हैं।