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Up Kiran, Digital Desk: महाराष्ट्र के एक स्कूल से सामने आई एक ख़बर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यहां छात्राओं के साथ 'पीरियड चेक' के नाम पर एक बेहद शर्मनाक और अमानवीय घटना को अंजाम दिया गया है। यह मामला जलगांव जिले के एक सरकारी स्कूल का है, जहां बच्चियों को बाथरूम में खून के धब्बे मिलने के बाद, उनकी निजी जांच के लिए कपड़े उतारने पर मजबूर किया गया।

आदिवासी लड़कियों के लिए चलाए जा रहे आश्रम शैक्षणिक संस्था के इस स्कूल में हुई इस घटना ने बाल अधिकारों और महिला गरिमा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घिनौनी हरकत स्कूल की दो महिला शिक्षकों द्वारा अंजाम दी गई। 

20 फरवरी को जब स्कूल के बाथरूम में खून के धब्बे मिले, तो शिक्षकों ने लगभग 12 से 14 साल की उम्र की सभी छात्राओं को एक कमरे में इकट्ठा किया। वहां उनसे ज़बरदस्ती कपड़े उतारने को कहा गया ताकि यह पता चल सके कि कौन 'पीरियड्स' में है।

इस अमानवीय बर्ताव से बच्चियां बुरी तरह सदमे में हैं और उन्हें मानसिक आघात पहुंचा है। घटना के सामने आने के बाद, बच्चियों के माता-पिता और स्थानीय समुदाय में भारी गुस्सा है। मामले ने तुरंत तूल पकड़ा और अभिभावकों ने जिला कलेक्टर से शिकायत की।

शुरुआत में FIR दर्ज करने में आनाकानी की गई, लेकिन बढ़ते दबाव के बाद पुलिस ने पोक्सो एक्ट (POCSO Act) और आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। राज्य सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। दोनों आरोपी शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है।

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