img

SGPC Meeting: तीनों गद्दीनों के जत्थेदारों को हटाने और नए जत्थेदारों की नियुक्ति को लेकर पंथिक राजनीति तेज हो गई है। प्रमुख हस्तियां और संगठन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के इस फैसले पर कड़ा प्रहार कर रहे हैं। ज्ञानी हरप्रीत सिंह के नेतृत्व में शिरोमणि अकाली दल का बागी गुट सीधे संगत में जाकर लामबंदी कर रहा है। ऐसे में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) भी एक्शन मोड में आ गई है।

जत्थेदारों के बदलाव के बाद शिरोमणि कमेटी ने आज कई अधिकारियों व कर्मचारियों का तबादला कर दिया है। इसके साथ ही अगली रणनीति तैयार करने के लिए एसजीपीसी कार्यकारी समिति की अगली बैठक 17 मार्च को चंडीगढ़ में बुलाई गई है। चर्चा है कि बैठक में बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। इसके अलावा शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी के इस्तीफे पर भी फैसला लिया जा सकता है।

बता दें कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह विर्क ने बैठक के एजेंडे का खुलासा नहीं किया, मगर संकेत दिया कि कमेटी से संबंधित मामलों पर चर्चा की जाएगी। खास बात यह है कि इस बार यह बैठक अमृतसर की बजाय चंडीगढ़ में आयोजित की गई है। इसलिए यह बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार बैठक में जत्थेदारों को हटाने और नए जत्थेदारों की नियुक्ति के कारण संगत में उपजे विरोध पर चर्चा होगी।

ये भी पता चला है कि शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष को लेकर भी फैसला हो सकता है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चार बार अध्यक्ष रहे हरजिंदर सिंह धामी ने करीब एक महीने पहले नैतिक आधार पर इस्तीफे की पेशकश की थी। ये कदम पूर्व अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह द्वारा सोशल मीडिया पर ज्ञानी हरप्रीत सिंह को तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार के पद से हटाए जाने के तरीके की आलोचना करने के बाद उठाया गया।

इस्तीफा देने के बाद अध्यक्ष धामी को मनाने की कई कोशिशें की गईं, मगर उन्होंने अपना इस्तीफा वापस लेने से साफ इनकार कर दिया। अध्यक्ष पद से इस्तीफे के अलावा उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा 2 दिसंबर को अकाली दल के पुनर्गठन के लिए गठित 7 सदस्यीय समिति से भी इस्तीफा दे दिया था। अगर धामी अपने रुख पर अड़े रहे तो शिरोमणि कमेटी के अगले अध्यक्ष को लेकर भी चर्चा हो सकती है।