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Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। सुरक्षाबलों की गोलीबारी में अब तक कम से कम 12 नागरिकों की मौत हो चुकी है। जबकि दर्जनों लोग घायल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुजफ्फराबाद, धीरकोट और ददयाल जैसे इलाकों में प्रदर्शनकारियों पर बुरी तरह से लाठीचार्ज और फायरिंग की गई।
प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं?
यह विरोध शुरू हुआ था सरकार की 38 मांगों को पूरा ना करने के विरोध में। लेकिन अब यह आंदोलन सीधे पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों और जन अधिकारों के हनन के खिलाफ उठ खड़ा हुआ है।
JAAC (संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी) इस आंदोलन की अगुवाई कर रही है। उनका कहना है कि 70 सालों से कश्मीरियों को उनके अधिकार नहीं मिले।
JAAC की मुख्य मांगे क्या हैं?
मृतकों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी
पुलिस और आम नागरिकों को समान मुआवजा
गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों की रिहाई
ISI समर्थित मुस्लिम कॉन्फ्रेंस को आतंकवादी घोषित करना
पीओके विधानसभा से 12 आरक्षित सीटें हटाना
‘या तो हक दो, या गुस्से का सामना करो’
JAAC नेता शौकत नवाज मीर ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो अगला कदम और भी बड़ा होगा। उन्होंने कहा, “ये तो सिर्फ प्लान A है, हमारे पास प्लान D भी है।”
प्रदर्शनकारी लगातार नारे लगा रहे हैं जैसे:
"इंकलाब आएगा"
"कश्मीर आज़ाद होगा"
"हुकूमत वालों, देखो हम तुम्हारी मौत हैं"
इंटरनेट बंद, सेना तैनात
स्थिति बेकाबू होते देख, इस्लामाबाद ने हज़ारों अतिरिक्त सैनिक पीओके भेजे हैं। कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं ताकि प्रदर्शनकारियों की ताक़त और संवाद को रोका जा सके।