Up Kiran, Digital Desk: रविवार की सुबह दिल्ली और एनसीआर में एक जबरदस्त धुंध का असर देखने को मिला। इस धुंध ने न सिर्फ दृश्यता को कम किया, बल्कि वायु गुणवत्ता भी इस साल के सबसे खतरनाक स्तर पर पहुँच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह छह बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 491 तक पहुँच गया, जो 'गंभीर प्लस' श्रेणी में आता है। यह स्तर स्वास्थ्य के लिहाज से अत्यधिक खतरनाक माना जाता है और सभी आयु वर्ग के लिए जोखिम पैदा करता है।
शनिवार के मुकाबले रविवार को प्रदूषण स्तर में काफ़ी वृद्धि हुई। शनिवार को AQI का स्तर 431 था, जबकि रविवार को यह 491 तक पहुँच गया, जिससे यह दिन 2023 का सबसे प्रदूषित दिन बन गया।
गंभीर प्लस श्रेणी का खतरा
AQI 450 से ऊपर को 'गंभीर प्लस' श्रेणी में रखा जाता है, जो प्रदूषण के उच्चतम स्तर को दर्शाता है। इस श्रेणी में वायु में मौजूद हानिकारक कणों की मात्रा इतनी ज्यादा हो जाती है कि इसका प्रभाव सभी लोगों पर पड़ता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और असमर्थ व्यक्तियों पर। इस स्तर पर शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और लंबे समय तक प्रभावित रहने वाले स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं।
जिन उपायों से जीवन प्रभावित हो रहा है
GRAP-IV के तहत सख्त प्रतिबंध
वायु गुणवत्ता के गंभीर स्थिति में पहुँचने के बाद, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण-रोधी उपायों के चौथे चरण यानी GRAP-IV को लागू कर दिया है। यह सबसे सख्त कदम है और जब AQI 450 के पार पहुँचता है, तो इसे सक्रिय किया जाता है। इसके तहत निर्माण, खनन और अन्य प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
स्कूलों के लिए हाइब्रिड मोड का आदेश
बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए, कक्षा 5 तक के बच्चों के लिए स्कूलों को हाइब्रिड मोड में शिक्षा देने का आदेश दिया गया है। इससे बच्चों की शारीरिक उपस्थिति को कम किया जा सकेगा, और ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से पाठ्यक्रम जारी रखा जा सकेगा। वहीं, कक्षा VI से IX और कक्षा XI के लिए शारीरिक कक्षाएं स्थगित की जा सकती हैं।
वाहन प्रतिबंधों का असर
सड़क पर धुंध की वजह से न सिर्फ दृश्यता पर असर पड़ा है, बल्कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सख्त वाहन प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। अब बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल वाहन दिल्ली और आसपास के शहरों में नहीं चल सकेंगे। इसके साथ ही, हल्के वाणिज्यिक वाहनों को भी सख्त नियमों का पालन करना होगा। हालांकि, आवश्यक सेवाओं से जुड़ी गाड़ियाँ जैसे कि जरूरी वस्तुएं पहुँचाने वाले ट्रक इन प्रतिबंधों से मुक्त हैं।
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