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Up Kiran, Digital Desk: छठ पूजा के महापर्व को सुरक्षित बनाने के लिए जिले भर के सभी घाटों पर सुरक्षा उपायों को सख्त किया जा रहा है। बिजली विभाग ने खासतौर पर घाटों, सार्वजनिक स्थलों और पहुंच पथों पर विद्युत सुरक्षा को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य पूजा के दौरान किसी भी प्रकार की विद्युत दुर्घटना से बचाव करना है और साथ ही आयोजकों को जिम्मेदारी का अहसास दिलाना है।

सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी तय

बिजली विभाग ने आयोजकों और पूजा समितियों से यह स्पष्ट किया है कि किसी भी विद्युत कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभाग ने निर्देश दिया है कि सभी अस्थायी विद्युत कार्य, जैसे कि वायरिंग, लाइटिंग, और सजावट, विद्युत आपूर्ति संहिता 2007 के अनुसार अधिकृत ठेकेदारों से कराए जाएं और काम पूरा होने के बाद इसकी जांच रिपोर्ट भी ली जाए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी तकनीकी गलती या ओवरलोडिंग जैसी स्थिति उत्पन्न न हो।

अनुभवी कर्मचारी और मानक सामग्री की आवश्यकता

विभाग ने घाटों पर विद्युत कार्य की देखरेख के लिए अनुभवी सुपरवाइजर या लाइनमैन की तैनाती अनिवार्य की है। साथ ही, आयोजकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे केवल आइएसआइ मार्क वाले तार और उपकरणों का उपयोग करें, और कटे-फटे तारों का प्रयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके अतिरिक्त, बिजली के भार के अनुसार तार और केबल का सही चयन जरूरी है।

अस्थायी सजावट के लिए एफआरएलएस (फायर रेटार्डेंट लो स्मोक) विद्युत तारों का इस्तेमाल करना और इन्हें कंड्युट पाइप में सुरक्षित रूप से बिछाना अनिवार्य होगा। पूजा स्थलों और चेंजिंग रूमों को ओवरहेड बिजली तारों से सुरक्षित दूरी पर बनाना भी एक अहम सुरक्षा मानक है। बिजली के तारों के जोड़ पर इन्सुलेटिंग टेप लगाना भी अनिवार्य है।

सुरक्षा उपकरणों का सही प्रबंधन

बिजली विभाग ने घाटों पर उचित सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा है। विद्युत पैनल, स्विच बोर्ड और जेनरेटर के पास रबर मैट, अग्निशामक यंत्र, सूखी बालू की बाल्टी और फर्स्ट ऐड बॉक्स की व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके अलावा, विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि विद्युत सर्किट की नियमित जांच की जाए और सभी संयोजनों में एमसीबी (मोल्डेड केस सर्किट ब्रेकर) और उचित फ्यूज का उपयोग किया जाए।