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Up Kiran, Digital Desk: अध्ययन में पाया गया है कि वेट लॉस इंजेक्शन का वास्तविक दुनिया में प्रभाव क्लिनिकल ट्रायल की तुलना में कम हो सकता है।एक नए अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है कि मोटापे के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले लोकप्रिय इंजेक्शन, जैसे कि GLP-1 एगोनिस्ट, क्लिनिकल ट्रायल में दिखाए गए प्रभावशाली परिणामों की तुलना में "वास्तविक दुनिया" की सेटिंग्स में कम प्रभावी हो सकते हैं।

अध्ययन इस अंतर के संभावित कारणों पर प्रकाश डालता है। क्लिनिकल ट्रायल अत्यधिक नियंत्रित वातावरण में आयोजित किए जाते हैं जहां मरीजों को अक्सर करीबी निगरानी, सख्त प्रोटोकॉल और मजबूत समर्थन मिलता है। यह सुनिश्चित करता है कि दवा का प्रभाव अधिकतम हो और परिणामों में अन्य कारकों का हस्तक्षेप कम से कम हो।

इसके विपरीत, वास्तविक दुनिया में, मरीजों को अक्सर कम संरचित वातावरण, भिन्न आहार और व्यायाम की आदतें, विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियां और समर्थन प्रणालियों में अंतर का सामना करना पड़ता है। इन कारकों के कारण दवा का पालन कम हो सकता है या कुल मिलाकर वजन घटाने पर इसका कम प्रभाव पड़ सकता है।

यह अध्ययन डॉक्टरों और मरीजों के लिए वेट लॉस इंजेक्शन से यथार्थवादी अपेक्षाएं रखने के महत्व को रेखांकित करता है, यह मानते हुए कि वास्तविक जीवन के परिणाम ट्रायल डेटा से भिन्न हो सकते हैं।

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