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Sunita Williams return: नौ महीने तक अंतरिक्ष की अनंत गहराइयों में रहने के बाद भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स पृथ्वी पर सही सलामत लौट आईं। स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिए सुनीता और उनके सहयोगी बुच विलमोर ने फ्लोरिडा के तट पर सफल लैंडिंग की। ये खबर जैसे ही भारत पहुंची, गुजरात के मेहसाणा जिले में उनके पैतृक गांव झूलासण में खुशी की लहर दौड़ गई। उनकी चचेरी बहन फाल्गुनी पंड्या ने इसे "यादगार पल" करार दिया। तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र लिखकर उनकी उपलब्धियों को 1.4 अरब भारतीयों का गर्व बताया।

झूलासण गांव जहां सुनीता के पिता दीपक पांड्या का जन्म हुआ था। इन दिनों उत्सव के रंग में डूबा है। 1957 में अमेरिका चले गए दीपक की बेटी सुनीता ने अंतरिक्ष में अपने साहस से परिवार और देश का नाम रोशन किया। उनकी चचेरी बहन फाल्गुनी पंड्या ने मीडिया से कहा कि हमारी खुशी का ठिकाना नहीं है। वो सुरक्षित लौट आई हैं और छुट्टियों की योजना बना रही हैं। सुनीता जल्द भारत आएंगी और हम सब उनके साथ वक्त बिताने को बेताब हैं। गांव के लोग सड़कों पर जुटे, मिठाइयां बांटी गईं और एक-दूसरे को बधाई देते नजर आए।

सुनीता विलियम्स का अगला कदम क्या होगा? क्या वो मंगल ग्रह पर उतरने वाली पहली मनुष्य बनेंगी? इस सवाल पर फाल्गुनी ने मुस्कुराते हुए कहा कि  ये उनकी मर्जी पर निर्भर है। वो हम सबके लिए प्रेरणा हैं। विलियम्स पहले ही अंतरिक्ष में 322 दिन बिता चुकी हैं और कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी हैं। उनकी वापसी न सिर्फ नासा के लिए बल्कि भारत और दुनिया के अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है।
 

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