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Up kiran,Digital Desk : अमेरिका और मेक्सिको के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है, और इस बार वजह बना है पानी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मेक्सिको को खुली चेतावनी दी है कि अगर उसने दशकों पुरानी संधि के तहत अपने हिस्से का पानी नहीं दिया, तो अमेरिका मेक्सिको से आने वाले सामान पर 5% का अतिरिक्त टैक्स (टैरिफ) लगा देगा. ट्रंप का कहना है कि पानी की इस कमी का खामियाजा टेक्सास के किसानों को भुगतना पड़ रहा है.

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर क्यों जताई नाराजगी?

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर एक पोस्ट में कहा कि मेक्सिको पिछले पांच सालों से 1944 की जल संधि का सम्मान नहीं कर रहा है. उन्होंने लिखा, "अब तक पानी की कमी 8 लाख एकड़-फुट से ज्यादा हो चुकी है, जो टेक्सास की फसलों और पशुओं के लिए एक बड़ी मुसीबत बन गई है."

ट्रंप ने आरोप लगाया कि अमेरिका ने हाल ही में मेक्सिको से बात करने की कोशिश की, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला. अमेरिका की मांग है कि मेक्सिको 31 दिसंबर से पहले कम से कम 2 लाख एकड़-फुट पानी छोड़े और बाकी का पानी भी जल्द भेजे. ट्रंप ने कहा, "यह हमारे अमेरिकी किसानों के साथ सरासर नाइंसाफी है, जिन्हें इस पानी की सख्त जरूरत है."

"जितनी देर होगी, किसानों को उतना नुकसान होगा"

राष्ट्रपति ने साफ किया कि यह सिर्फ एक खोखली धमकी नहीं है. उन्होंने कहा, "मैंने उन कागजातों को मंजूरी दे दी है, जो मेक्सिको पर 5% टैरिफ लगाएंगे, अगर पानी तुरंत नहीं छोड़ा गया." उन्होंने चेतावनी दी कि मेक्सिको जितनी देर करेगा, टेक्सास के किसानों का नुकसान उतना ही बढ़ता जाएगा. "मेक्सिको को इसे फौरन ठीक करना होगा."

क्या है 1944 की जल संधि?

  • मेक्सिको की जिम्मेदारी: संधि के मुताबिक, मेक्सिको को हर पांच साल में अपने बांधों से अमेरिका को 17.5 लाख एकड़-फुट पानी देना होता है.
  • अमेरिका की जिम्मेदारी: वहीं, अमेरिका को भी हर साल कोलोराडो नदी से मेक्सिको को 15 लाख एकड़-फुट पानी देना होता है.

दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका ने अपनी जिम्मेदारी लगभग पूरी की है, हालांकि सूखे के कारण हाल के दिनों में उसने भी पानी की सप्लाई में कुछ कटौती की है, जिसकी इजाजत संधि में दी गई है. यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने यह धमकी दी है, इससे पहले अप्रैल में भी वह ऐसा कह चुके हैं, जो दिखाता है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे हैं.