
Up Kiran, Digital Desk: महाराष्ट्र की राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है, और इसका सबसे ताज़ा और सबसे बड़ा उदाहरण शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने दे दिया है। राउत ने एक ऐसा 'सियासी बम' फोड़ा है, जिसने मुंबई से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मचा दिया है।
संजय राउत ने संकेत दिए हैं कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS), यानी राज ठाकरे की पार्टी भी महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन का हिस्सा बन सकती है। यह सुनकर ही लोग हैरान थे कि राउत ने एक और बड़ी बात कह दी। उन्होंने दावा किया कि ख़ुद राज ठाकरे चाहते हैं कि अगर MVA में कोई गठबंधन बने तो उसमें कांग्रेस को भी ज़रूर शामिल किया जाए।
दो भाइयों को मिलाने की तैयारी: यह खबर इसलिए भी इतनी बड़ी है क्योंकि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे चचेरे भाई हैं और सालों से एक-दूसरे के सबसे बड़े राजनीतिक दुश्मन माने जाते रहे हैं। अगर ये दोनों एक ही गठबंधन में आते हैं, तो यह महाराष्ट्र की राजनीति का सबसे बड़ा 'रियूनियन' होगा।
संजय राउत ने कहा, "यह सच है कि हमारी इस बारे में चर्चा हुई है... अगर राज ठाकरे महा विकास अघाड़ी में आना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है। उद्धव ठाकरे ने भी इस पर अपनी सहमति दे दी है।"
सबसे बड़ा ट्विस्ट: राज ठाकरे को 'कांग्रेस' क्यों चाहिए?
संजय राउत का सबसे चौंकाने वाला दावा यह है कि राज ठाकरे, जिनकी राजनीति कांग्रेस की विचारधारा से बिलकुल अलग रही है, वे चाहते हैं कि MVA में कांग्रेस भी ज़रूर रहे। राउत के मुताबिक, राज ठाकरे ने कहा है कि कांग्रेस के बिना कोई भी गठबंधन अधूरा है।
इस बयान ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। क्या यह महाराष्ट्र में एक नए और 'असंभव' से दिखने वाले राजनीतिक समीकरण की शुरुआत है? क्या बीजेपी को हराने के लिए सारे दुश्मन अब दोस्त बनने जा रहे हैं? फिलहाल, इस एक बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में तूफ़ान ला दिया है और अब सबकी नज़रें राज ठाकरे के अगले कदम पर टिकी हैं।