
Up Kiran, Digital Desk: फेफड़ों की गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, टीबी या सारकॉइडोसिस का पता लगाने के लिए अब चीर-फाड़ और दर्दनाक सर्जरी शायद पुरानी बात हो जाएगी। भारत में डॉक्टरों को अब एक ऐसी आधुनिक और क्रांतिकारी तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जो मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस तकनीक का नाम है एंडोब्रोंकियल अल्ट्रासाउंड (EBUS)।
कल्पना कीजिए एक पतली सी ट्यूब की, जिसके सिरे पर एक टॉर्च और एक छोटा सा अल्ट्रासाउंड लगा हो। डॉक्टर इस ट्यूब को मुंह के रास्ते फेफड़ों की नलियों तक पहुंचाते हैं और बिना कोई बाहरी कट लगाए, अंदर से ही बीमारी की जड़ तक पहुंच जाते हैं। यह तकनीक न केवल पारंपरिक सर्जरी की तुलना में बहुत सुरक्षित है, बल्कि इसकी जांच के नतीजे भी कहीं ज्यादा सटीक होते हैं।
लेकिन समस्या यह है कि भारत में अभी भी इस 'जादुई' तकनीक को इस्तेमाल करने वाले प्रशिक्षित डॉक्टरों की भारी कमी है। इसी कमी को पूरा करने के लिए, देश के तीन बड़े नामों - एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी (AIG) हॉस्पिटल्स, यशोदा हॉस्पिटल्स, और मेडिकल टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी ओलंपस इंडिया - ने हाथ मिलाया है।
ये तीनों मिलकर पूरे भारत के डॉक्टरों के लिए एक व्यापक EBUS प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहे हैं।
क्यों है यह मिशन इतना महत्वपूर्ण?
जल्दी और सटीक जांच: फेफड़ों के कैंसर जैसी बीमारियों में एक-एक दिन कीमती होता है। EBUS की मदद से बीमारी को शुरुआती स्टेज में ही सटीकता से पकड़ा जा सकता है, जिससे मरीज के बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
मरीजों के लिए कम दर्द: पहले जहां बायोप्सी के लिए छाती में कट लगाना पड़ता था और मरीज को कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता था, वहीं EBUS के बाद मरीज कुछ ही घंटों में घर जा सकता है।
भारत में प्रतिभा का निर्माण: इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का लक्ष्य देश के कोने-कोने में EBUS तकनीक में माहिर डॉक्टर तैयार करना है, ताकि यह जीवन रक्षक तकनीक सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित न रहकर छोटे शहरों के मरीजों तक भी पहुंच सके।
AIG हॉस्पिटल्स के चेयरमैन, डॉ. डी. नागेश्वर रेड्डी ने कहा, "हमारा उद्देश्य सिर्फ इलाज करना नहीं, बल्कि डॉक्टरों को शिक्षित और सशक्त बनाना भी है।" वहीं, यशोदा हॉस्पिटल्स के निदेशक, डॉ. पवन गोरुकंटी ने इसे भारतीय स्वास्थ्य सेवा के लिए एक बड़ा कदम बताया।
यह सिर्फ एक ट्रेनिंग प्रोग्राम नहीं है, बल्कि यह एक स्वस्थ और कैंसर मुक्त भारत की दिशा में उठाया गया एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है, जहां हर मरीज को दर्द रहित और बेहतरीन जांच की सुविधा मिल सकेगी।
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