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नई दिल्ली: हाल ही में एक इस्लामी संगठन द्वारा जारी किए गए विवादास्पद नक्शे ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। इस नक्शे में 'ग्रेटर बांग्लादेश' के नाम से एक काल्पनिक क्षेत्र दिखाया गया है, जिसमें भारत के कई पूर्वोत्तर राज्यों को शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि इस नक्शे को तुर्की से जुड़े एक संगठन ने प्रचारित किया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ गई है।

नक्शे में असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मेघालय जैसे राज्यों के हिस्सों को बांग्लादेश में दर्शाया गया है। इस नक्शे के सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है और इसके पीछे की मंशा और साजिश की जांच शुरू कर दी गई है।

सूत्रों के अनुसार, यह नक्शा सोशल मीडिया के जरिए फैलाया जा रहा है, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता और सांप्रदायिक तनाव को हवा दी जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक रणनीतिक प्रयास हो सकता है, जिससे भारत की आंतरिक सुरक्षा पर असर डाला जा सके और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में भ्रम और असंतोष फैलाया जा सके।

सरकारी अधिकारियों ने इसे एक गंभीर मामला बताया है और कहा है कि भारत की अखंडता और क्षेत्रीय संप्रभुता से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विदेश मंत्रालय ने भी इस मुद्दे पर नजर बनाई हुई है और जल्द ही आधिकारिक प्रतिक्रिया देने की संभावना है।

वहीं, सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सिर्फ एक नक्शा नहीं बल्कि एक मनोवैज्ञानिक रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिसके ज़रिए कट्टरपंथी तत्वों को उकसाया जा रहा है।

इस घटनाक्रम से साफ है कि भारत के खिलाफ विदेशी मंचों से की जाने वाली साजिशें नई शक्लें ले रही हैं और उनके खिलाफ सतर्कता और ठोस जवाबी रणनीति की आवश्यकता है।

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