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ट्रंप ने बताया हमले के बाद ईरानी न्यूक्लियर साइट का हाल

अमेरिकी तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जून 22, 2025 को व्हाइट हाउस से ये जानकारी दी कि अमेरिका ने "ऑपरेशन मिडनाइट हैमर" के दौरान ईरान की तीन परमाणु सुविधाओं—फोर्डो, नतांज और ईस्फहान—पर सटीक एयर स्ट्राइक की। उन्होंने बताया कि B‑2 स्टील्थ बमवर्षकों और सबमरीन से दागे गए टॉमहॉक मिसाइलों ने इन साइटों को "पूरी तरह से नष्ट" कर दिया  ।

ट्रंप ने इसे "भव्य सैन्य सफलता" करार दिया और कहा कि अब "शांति का समय" है  । साथ ही उन्होंने आगाह किया कि यदि ईरान ने किसी अमेरिकी या अमेरिकी हितों पर हमला किया, तो 'अवशेषों में तबाही ("obliteration")' किया जाएगा  ।

हमले में प्रयोग हुई तकनीकें 

B‑2 स्टील्थ बमवर्षक: 37 घंटे की उड़ान के बाद गुप्त रूप से फोर्डो को निशाना बनाया गया, जहाँ भूमिगत बंकर-बस्टर GBU‑57 “Massive Ordnance Penetrators” गिराए गए  ।

टॉमहॉक मिसाइलें: नतांज और ईस्फहान को निर्देशित हमलों से निशाना बनाया गया|


ईरानी प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने यस हमलों को "अत्यंत हिंसक अपराध" और "संप्रभुता का उल्लंघन" बताया  । उन्होंने चेतावनी दी कि इन हमलों के "गंभीर" व "दूरगामी" परिणाम होंगे, और वे सभी विकल्पों को सुरक्षित रख रहे हैं  ।

दुनियाभर में मिश्रित प्रतिक्रियाएँ आयीं। इज़रायल ने ट्रंप की कार्रवाई की सराहना की  , जबकि संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, चीन और रूस ने तनाव वृद्धि की चिंता जताई और कूटनीतिक समाधान की अपील की|

आगे का परिदृश्य

विश्लेषकों का कहना है कि इन हमलों से ईरान का परमाणु कार्यक्रम फिलहाल धीमा हो सकता है, लेकिन इससे नई लड़ाई और बढ़ सकती है  । इसके अलावा, तेल की कीमतों में उछाल और क्षेत्रीय अस्थिरता की आशंका बनी हुई है  ।

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