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jharkhand news: हर धर्म में साफ साफ कहा गया है कि माता-पिता की सेवा से बढ़कर न दुनिया में कोई पुण्य नहीं है। लेकिन बुधवार को पुण्य बटोरने के नाम पर रामगढ़ में  इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना उजागर हुई।

रामगढ़ के अरगड़ा में एक बेटा अखिलेश कुमार जो सीसीएल कर्मी है। तीन दिन पहले अपनी 65 वर्षीय मां संजू देवी को घर में बंद कर सास-ससुर, पत्नी और बच्चों के साथ कुंभ स्नान करने प्रयागराज चला गया।

बूढ़ी मां ने दो दिन तक चूड़ा खाकर किसी तरह भूख मिटाई फिर तीसरे दिन जब भूख ज्यादा बढ़ी तो उन्होंने अंदर से आवाज लगाई। पड़ोसियों ने आवाज सुनकर पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने घर का ताला तोड़कर बुजुर्ग को बाहर निकाला।

तो वहीं इसकी सफाई में बेटे ने बताया कि उनकी मां की तबीयत खराब थी। इसीलिए उन्हें साथ नहीं ले जाया गया। उन्होंने दावा किया कि उनके खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई थी।

मामले में रामगढ़ एसपी अजय कुमार ने इस घटना को अमानवीय और शर्मनाक करार दिया और कहा कि शिकायत के आधार पर बेटे पर कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता ए. अल्लाम के मुताबिक, किसी जीवित शख्स को कमरे में बंद कर बाहर चले जाना कानून के खिलाफ है। ये मौलिक अधिकारों का हनन है और प्रताड़ना का केस बनता है।