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Up Kiran, Digital Desk: झारखंड के देवघर स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी श्रावणी मेला धूमधाम से शुरू हो गया है। सावन महीने के पहले दिन, 21 जुलाई को शुभ मुहूर्त में इस पवित्र उत्सव का आगाज़ हुआ, जो अगले एक महीने तक चलेगा। इस दौरान देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु, जिन्हें 'कांवरिया' कहा जाता है, भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं।

यह यात्रा केवल एक तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि आस्था और भक्ति का एक अनूठा प्रदर्शन है। लाखों कांवरिये बिहार के सुल्तानगंज से, जहाँ से वे पवित्र गंगाजल भरते हैं, 108 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा नंगे पैर तय करते हुए देवघर पहुंचते हैं। गंगाजल लेकर 'बोल बम' के जयकारों के साथ अपनी यात्रा पूरी करते हैं और बाबा बैद्यनाथ को जल चढ़ाकर अपनी मनोकामनाएँ पूरी होने की प्रार्थना करते हैं।

श्रावणी मेला सनातन धर्म के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक है। माना जाता है कि इस दौरान बाबा बैद्यनाथ के दर्शन और जलाभिषेक से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सहिष्णुता, दृढ़ संकल्प और सामूहिक भक्ति का प्रतीक है।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मेला प्रबंधन के लिए व्यापक तैयारियाँ की गई हैं। कांवरियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। साथ ही, जगह-जगह स्वास्थ्य शिविर, पेयजल की व्यवस्था और स्वयंसेवकों द्वारा सेवा कार्य चलाए जा रहे हैं ताकि लंबी और थका देने वाली यात्रा के बावजूद श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। झारखंड और बिहार की सरकारें इस पवित्र आयोजन को सफल बनाने और श्रद्धालुओं के लिए सुगम बनाने के लिए मिलकर काम कर रही हैं।

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