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Up Kiran, Digital Desk: हैदराबाद की विभिन्न कॉलोनियों के निवासी इन दिनों 'पंख वाले आतंक' से बुरी तरह परेशान हैं। मच्छरों और कबूतरों के बढ़ते प्रकोप ने उनका जीना मुहाल कर दिया है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं भी बढ़ गई हैं।

मच्छरों के कारण डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। शाम के समय घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है, और रात की नींद भी हराम हो गई है। लोगों का आरोप है कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) की ओर से फॉगिंग और मच्छर मारने की दवा के छिड़काव में कमी आई है। निर्माण स्थलों पर जमा पानी और खराब स्वच्छता व्यवस्था मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल माहौल बना रही है।

कबूतरों का बढ़ता झुंड भी एक और बड़ी समस्या बन गया है। वे छज्जों, बालकनियों, एयर कंडीशनर इकाइयों और खिड़की के कोनों में घोंसले बना रहे हैं, जिससे न केवल गंदगी फैल रही है, बल्कि श्वसन संबंधी बीमारियाँ भी पैदा हो रही हैं। कई निवासी उन्हें दाना डालते हैं, जिससे उनकी संख्या बेतहाशा बढ़ गई है, और इससे स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं।

वेंकटाद्रि टाउनशिप के निवासी राजेश ने बताया कि मच्छरों के आतंक से उनके परिवार को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। राघवेंद्र कॉलोनी, श्री साई नगर, इंद्र सिंह नगर और अन्य कई कॉलोनियों के निवासियों ने भी यही शिकायत की है। उनका कहना है कि जीएचएमसी को इस समस्या का स्थायी समाधान खोजना होगा।

नागरिकों ने जीएचएमसी से तत्काल फॉगिंग और कीटनाशक छिड़काव अभियान तेज करने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने कबूतरों को दाना न डालने के लिए जागरूकता अभियान चलाने और सख्त अपशिष्ट प्रबंधन नीतियों को लागू करने की भी अपील की है ताकि इस 'पंख वाले आतंक' से छुटकारा पाया जा सके और शहर के लोगों को स्वच्छ व स्वस्थ वातावरण मिल सके।

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