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Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने राजनीति में एक हलचल मचा दी है, और अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) इस महत्वपूर्ण पद के लिए नए उम्मीदवार के चयन में जुट गया है। इस निर्णय को अंतिम रूप देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मालदीव दौरे से लौटने का इंतजार किया जा रहा है। एनडीए की एक अहम बैठक के बाद उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार का ऐलान किया जाएगा।
धनखड़ का अप्रत्याशित इस्तीफा
21 जुलाई को, जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। यह कदम अप्रत्याशित था, खासकर तब जब उनका कार्यकाल विपक्षी दलों के साथ लगातार टकराव और विवादों में घिरा रहा। धनखड़, भारत के उन चुनिंदा उपराष्ट्रपतियों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान इस्तीफा दिया। इससे पहले केवल वी.वी. गिरी और आर. वेंकटरमण ही ऐसा कर चुके थे, जिनका कार्यकाल भी विवादों से मुक्त नहीं था।
एनडीए की चुनावी रणनीति
उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों से मिलकर बने निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। इस मंडल में वर्तमान में 782 सांसद शामिल हैं, जिनमें से एनडीए के पास लगभग 425 सांसदों का समर्थन है, जो इसे एक मजबूत स्थिति में रखता है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी इस बार अपने संगठनात्मक और विचारधात्मक सिद्धांतों के अनुरूप एक ऐसे अनुभवी नेता का चयन करना चाहती है, जो राजनीतिक और विधायी मामलों में प्रवीण हो। इस चयन प्रक्रिया में गठबंधन के सहयोगी दलों के समर्थन को भी महत्व दिया जाएगा, ताकि एनडीए की एकजुटता बनी रहे।
अगले साल के चुनावों को ध्यान में रखते हुए रणनीति
एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के चयन में आगामी विधानसभा चुनावों का भी अहम रोल होगा। बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार उस राज्य से भी हो सकता है, जिसे चुनावी दृष्टिकोण से उपयुक्त समझा जाए। उपराष्ट्रपति संसद के उच्च सदन के सभापति होते हैं और उनका कार्य संसद की कार्यवाही को नियंत्रित करना होता है, जो सरकार के एजेंडे को दिशा देने में सहायक होता है।
संभावित उम्मीदवार: हरिवंश और अन्य नाम
इस समय कई नाम चर्चा में हैं, हालांकि कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। एक प्रमुख नाम राज्यसभा के उपसभापति और जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद हरिवंश का सामने आ रहा है। वे 2020 से इस पद पर कार्यरत हैं और सरकार के विश्वासपात्र माने जाते हैं। उनकी छवि भी विवादों से परे रही है, जिससे वे इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार माने जा सकते हैं। हालांकि, बीजेपी द्वारा अपने ही किसी अनुभवी नेता को उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना भी जताई जा रही है।
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