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Up Kiran, Digital Desk: हर साल की तरह इस साल भी सूर्य ने रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर लिया है और इसी के साथ नौतपा 2025 की शुरुआत हो चुकी है। ज्योतिष के अनुसार जब ग्रहों के राजा और सिंह राशि के स्वामी सूर्य रोहिणी नक्षत्र में आते हैं, तो उनकी किरणें सीधी पृथ्वी पर पड़ती हैं। इसका असर केवल मौसम तक सीमित नहीं होता- ये हमारे शरीर, मन और जीवनचर्या पर भी गहरा प्रभाव डालता है।
क्या होता है नौतपा
नौतपा यानी "नौ दिनों की तपन"—सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, तब शुरू होने वाले पहले 9 दिनों को नौतपा कहा जाता है। ये वो दिन होते हैं जब गर्मी अपने चरम पर होती है। वैज्ञानिक रूप से कहें तो इस समय पृथ्वी सूर्य के सबसे नजदीक होती है, और ज्योतिषीय दृष्टि से यह समय विशेष सावधानी बरतने का होता है।
9 दिनों में भूलकर भी न करें ये 6 काम
इन नौ दिनों के दौरान कुछ चीज़ें करने से न केवल स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं, बल्कि ग्रहों का अशुभ प्रभाव भी झेलना पड़ सकता है। आइए जानें वे कौन-कौन से काम हैं जो इस दौरान बिल्कुल नहीं करने चाहिए-
लंबी यात्रा से बचें
नौतपा के दौरान सूर्य की तपिश इतनी तीव्र होती है कि शरीर जल्दी थक जाता है। ऐसे में लू, डिहाइड्रेशन और सनबर्न का खतरा बढ़ जाता है। कोशिश करें कि जरूरी होने पर ही घर से निकलें। साथ में पानी की बोतल रखें और सिर को कपड़े से ढककर बाहर जाएं।
भारी और मसालेदार भोजन न करें
इस दौरान शरीर का पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। ज्यादा मसाले, तले-भुने या गरम भोजन से गैस, एसिडिटी, सिरदर्द, उल्टी-दस्त जैसी परेशानियां हो सकती हैं। हल्का, सुपाच्य और ठंडा भोजन ही इस समय उपयुक्त रहता है।
तेल मालिश और मांस-मदिरा से दूरी बनाएं
इन दिनों मांसाहार और शराब जैसी चीज़ों से परहेज़ करें। साथ ही धूप में निकलने से पहले तेल की मालिश या सिर पर तेल लगाकर बाहर जाना सिरदर्द और चक्कर का कारण बन सकता है। इससे शरीर में गर्मी और बढ़ जाती है।
शुभ कार्य और मानसिक तनाव से बचें
गर्मी के इस चरम समय में आंधी-तूफान और गर्म हवाओं का प्रकोप रहता है। ऐसे में विवाह, मुंडन या अन्य मांगलिक कार्य टाल देना ही बेहतर होता है। साथ ही गुस्से और तनाव से बचें क्योंकि यह हार्ट और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
बहुत ठंडी चीजों का अधिक सेवन न करें
गर्मी से राहत के लिए लोग अक्सर बर्फ का पानी, आइसक्रीम या ठंडा दूध लेते हैं, मगर ज्यादा ठंडे पदार्थों का सेवन पाचन तंत्र को और भी बिगाड़ सकता है। यह गले और पेट दोनों पर बुरा असर डालता है।
दिन में हवन या भारी पूजा-पाठ न करें
नौतपा के दौरान अग्नि से जुड़ी कोई भी क्रिया जैसे हवन, यज्ञ या ज्यादा देर तक पूजा-पाठ करने से बचना चाहिए, खासकर दिन के समय। यह शरीर में अतिरिक्त गर्मी पैदा कर सकता है। इस समय ध्यान, मंत्र-जप और शांत साधना को ज्यादा प्रभावकारी माना गया है।
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