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Up Kiran, Digital Desk: पति-पत्नी जीवन की सारी जिम्मेदारियां एक साथ निभाते हैं, फिर चाहे वो आर्थिक जिम्मेदारियां ही क्यों न हों...आज के दौर में सिर्फ कमाना ही काफी नहीं है, बल्कि उस आय को सही जगह निवेश करना और उसे बढ़ाना भी जरूरी है। अगर आप अपनी निवेश यात्रा में अपनी पत्नी को भागीदार बनाते हैं, तो आपको ज्यादा लाभ मिल सकता है। आइए जानने की कोशिश करते हैं कुछ ऐसे स्मार्ट तरीके जिन्हें अपनाकर आप न सिर्फ मोटा मुनाफा कमा सकते हैं, बल्कि काफी टैक्स भी बचा सकते हैं।

पोस्ट ऑफिस एमआईएस

अगर आप हर महीने एक निश्चित आय चाहते हैं और एकमुश्त निवेश करना चाहते हैं, तो पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (एमआईएस) एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें आप सिर्फ 9 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं, मगर अगर आप अपनी पत्नी के साथ ज्वाइंट अकाउंट खोलते हैं, तो यह सीमा बढ़कर 15 लाख रुपये हो जाती है।

इसका मतलब है कि आप हर महीने ज़्यादा पैसे जमा करके ज़्यादा ब्याज कमा सकते हैं. फिलहाल यह स्कीम 7.4% ब्याज दे रही है. ऐसे में आप इस स्कीम से हर महीने 9,250 रुपये और सालाना 1,11,000 रुपये कमा सकते हैं.

PPF से दोगुना मुनाफ़ा

अपनी पत्नी की मदद से आप PPF का मुनाफ़ा दोगुना कर सकते हैं. कैसे? आइए जानें. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक बेहतरीन लॉन्ग टर्म सेविंग स्कीम है जो टैक्स बचाने में भी मदद करती है. मगर इसमें एक शर्त है कि एक व्यक्ति सिर्फ़ एक ही PPF अकाउंट खोल सकता है और हर साल इसमें अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा कर सकता है. वहीं, इसमें जॉइंट अकाउंट का विकल्प नहीं है.

मगर अगर पति-पत्नी दोनों कमाते हैं तो वे अपने नाम से अलग-अलग PPF अकाउंट खोल सकते हैं. इस तरह दोनों मिलकर सालाना 3 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं और दोनों को अपने-अपने निवेश पर अलग-अलग ब्याज मिल सकता है. फिलहाल इस स्कीम पर 7.1% ब्याज मिल रहा है। इसके अलावा इस पर टैक्स बेनिफिट भी मिलता है। यह स्कीम E-E-E कैटेगरी में आती है, यानी निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी, तीनों ही टैक्स-फ्री हैं।

FD पर ब्याज की बचत

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को सुरक्षित निवेश माना जाता है, मगर अगर इस पर मिलने वाला ब्याज सालाना 40,000 रुपये से ज्यादा है, तो TDS कटता है। यहां आपकी पत्नी आपकी मदद कर सकती है। अगर आपकी पत्नी हाउसवाइफ हैं या उनकी इनकम टैक्सेबल नहीं है, तो आप उनके नाम पर FD कराकर TDS कटौती से बच सकते हैं। इसके लिए उन्हें फॉर्म 15G भरना होगा। आप अपनी पत्नी को फर्स्ट होल्डर बनाकर ज्वाइंट FD भी करा सकते हैं।

होम लोन में लाभ

घर खरीदना हर किसी का सपना होता है और होम लोन इसे हकीकत बनाने में मदद करता है। अगर आप अपनी पत्नी को होम लोन के लिए को-एप्लीकेंट बनाते हैं, तो आपको कई फायदे मिलते हैं। अगर सह-आवेदक महिला है तो बैंक अक्सर ब्याज दरों पर थोड़ी छूट देते हैं, जिससे आपकी EMI कम हो सकती है। दूसरी बात, अगर दोनों पति-पत्नी कमाते हैं, तो संयुक्त ऋण लेने पर ज़्यादा ऋण मिलने की संभावना भी बढ़ जाती है।

होम लोन पर टैक्स बचत

संयुक्त होम लोन का सबसे बड़ा फ़ायदा है आयकर में भारी कटौती। अगर दोनों पति-पत्नी के पास संपत्ति है, तो दोनों सेक्शन 80C के तहत होम लोन के मूलधन (कुल 3 लाख रुपये) पर 1.5 लाख रुपये तक और सेक्शन 24B के तहत ब्याज पर 2 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं (कुल 4 लाख रुपये)। इस तरह, आप दोनों टैक्स में कुल 7 लाख रुपये बचा सकते हैं, जो एक बड़ी बचत है। हालांकि, यह आपके होम लोन की राशि पर भी निर्भर करेगा।

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