Up kiran,Digital Desk : आज महाराष्ट्र की राजनीति के लिए एक बड़ा दिन है। गांवों और शहरों की गलियों में सुबह से ही चुनावी हलचल तेज है। मौका है स्थानीय निकाय चुनावों के पहले चरण का, जिसमें लोग अपने शहर और कस्बे की छोटी सरकार चुनने के लिए घरों से निकल रहे हैं। यह चुनाव सिर्फ पार्षद या अध्यक्ष चुनने के लिए नहीं है, बल्कि यह महाराष्ट्र के सियासी मिजाज का एक बड़ा टेस्ट भी है।
सुबह से शाम तक चलेगा मतदान
आज सुबह 7:30 बजे से ही वोटिंग शुरू हो गई है, जो शाम 5:30 बजे तक चलेगी। इस पहले चरण में 264 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए मतदान हो रहा है। करीब एक करोड़ वोटर 6,000 से ज्यादा सीटों पर अपने पसंदीदा उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कर रहे हैं। इन वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी, जिसके बाद यह साफ हो जाएगा कि इस 'मिनी' चुनावी जंग में किसका पलड़ा भारी रहा।
क्यों इतने अहम हैं ये चुनाव?
- एक तरफ है मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और बीजेपी वाली 'महायुति' गठबंधन।
- दूसरी तरफ है उद्धव ठाकरे, कांग्रेस और शरद पवार गुट वाली 'महा विकास अघाड़ी' (MVA)।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि इन चुनावों के नतीजे आने वाले बड़े चुनावों की दिशा तय कर सकते हैं। अगर बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति जीतती है, तो यह माना जाएगा कि जनता का भरोसा मौजूदा सरकार पर बना हुआ है। वहीं, अगर विपक्षी गठबंधन MVA अच्छा प्रदर्शन करता है, तो यह उनके लिए एक नई ऊर्जा का काम करेगा।
तैयारियां भी हैं पूरी
इस पूरी चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए चुनाव आयोग ने भी कमर कस ली है। राज्य भर में 12,000 से ज्यादा पोलिंग बूथ बनाए गए हैं, जहां 62,000 से ज्यादा कर्मचारी तैनात हैं। वोटिंग के लिए EVM का इस्तेमाल हो रहा है।
यह तो अभी पहला चरण है, इसके बाद भी राज्य के कई बड़े नगर निगमों और जिला परिषदों के चुनाव होने बाकी हैं। लेकिन आज के नतीजों से यह इशारा जरूर मिल जाएगा कि महाराष्ट्र की सियासी हवा किस ओर बह रही है।
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