
Up Kiran, Digital Desk: भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हम अक्सर शरीर के छोटे-मोटे दर्द या संकेतों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके शरीर के अंदर एक ऐसा ख़तरा धीरे-धीरे पनप सकता है जो अचानक जानलेवा साबित हो सकता है? इसका नाम है थ्रोम्बोसिस (Thrombosis), जिसे आम भाषा में नसों में खून का थक्का जमना भी कहते हैं।
यह एक 'साइलेंट किलर' की तरह है, क्योंकि जब तक इसके लक्षण गंभीर नहीं हो जाते, लोग इस पर ध्यान ही नहीं देते। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि यह बीमारी क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
आखिर यह थ्रोम्बोसिस है क्या: हमारे शरीर में खून नसों (रक्त वाहिकाओं) के ज़रिए बहता है। जब किसी नस के अंदर खून का थक्का (ब्लड क्लॉट) बन जाता है और खून के बहाव को रोक देता है, तो उस स्थिति को थ्रोम्बोसिस कहते हैं। यह थक्का शरीर के किसी भी हिस्से में बन सकता है, लेकिन ज़्यादातर यह पैरों की गहरी नसों में बनता है, जिसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) कहते हैं।
ख़तरा तब और बढ़ जाता है जब यह थक्का अपनी जगह से टूटकर खून के साथ बहता हुआ फेफड़ों तक पहुँच जाता है। इस जानलेवा स्थिति को पल्मोनरी एम्बोलिज़्म (PE) कहते हैं, जिससे इंसान की मौत भी हो सकती है।
इन चेतावनी संकेतों को कभी न करें नज़रअंदाज़ (Warning Signs)
अगर आपको अपने शरीर, खासकर पैरों में ये बदलाव दिखें, तो तुरंत सावधान हो जाएं:
पैरों में सूजन: एक पैर में अचानक सूजन आना, जो बिना किसी चोट के हो।
तेज़ दर्द: पैर में ऐंठन जैसा या तेज़ दर्द होना, खासकर चलते या खड़े होते समय।
त्वचा का रंग बदलना: जिस जगह थक्का बना है, वहाँ की त्वचा का रंग लाल या नीला पड़ जाना।
गर्मी महसूस होना: प्रभावित हिस्से को छूने पर वह बाक़ी शरीर से ज़्यादा गर्म महसूस हो सकता है।
सांस लेने में दिक्कत: अगर थक्का फेफड़ों तक पहुंच जाए तो अचानक सांस फूलना, छाती में तेज़ दर्द और खांसी में ख़ून आना इसके लक्षण हो सकते हैं। यह एक इमरजेंसी है।
क्यों बन जाता है यह खून का थक्का? (Causes)
थ्रोम्बोसिस होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
लंबे समय तक inactivity: लंबी हवाई यात्रा, घंटों तक बिस्तर पर पड़े रहना या एक ही जगह पर ज़्यादा देर तक बैठे रहने से।
सर्जरी या चोट: किसी बड़ी सर्जरी या हड्डी टूटने के बाद इसका ख़तरा बढ़ जाता है।
मोटापा और धूम्रपान: ज़्यादा वज़न और धूम्रपान करने से भी ख़तरा बढ़ता है।
अन्य बीमारियाँ: कैंसर, दिल की बीमारी या कुछ आनुवंशिक कारण भी हो सकते हैं।
हार्मोनल बदलाव: गर्भनिरोधक गोलियां लेने या प्रेग्नेंसी के दौरान भी इसका ख़तरा होता है।
इससे बचने के लिए क्या करें? (Prevention Tips)
थोड़ी सी सावधानी आपको इस गंभीर बीमारी से बचा सकती है:
एक्टिव रहें: ज़्यादा देर तक एक ही जगह पर न बैठें। हर घंटे थोड़ा चलें-फिरें।
वज़न कंट्रोल में रखें: संतुलित आहार लें और नियमित व्यायाम करें।
हाइड्रेटेड रहें: ख़ूब पानी पिएं, इससे ख़ून गाढ़ा नहीं होता।
धूम्रपान छोड़ दें: स्मोकिंग आपकी नसों को नुक़सान पहुँचाती है।
लंबी यात्रा में सावधानी: अगर लंबी यात्रा कर रहे हैं, तो बीच-बीच में अपनी टांगों को हिलाते-डुलाते रहें।
थ्रोम्बोसिस एक गंभीर समस्या है, लेकिन सही जानकारी और समय पर इलाज से इससे बचा जा सकता है। अगर आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण दिखें, तो लापरवाही बिल्कुल न करें और तुरंत डॉक्टर से मिलें।