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Up Kiran, Digital Desk: आजकल मधुमेह (Diabetes) और थायराइड की समस्या (Thyroid problem) दोनों ही आम स्वास्थ्य परेशानियाँ बन गई हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों के बीच एक गहरा संबंध है? अक्सर यह देखा जाता है कि जिन लोगों को डायबिटीज होती है, उनमें थायराइड संबंधी विकार होने की संभावना भी अधिक होती है। यही कारण है कि यदि आपको डायबिटीज है, तो अपने थायराइड स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।

थायराइड ग्रंथि (Thyroid gland) हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म (metabolism) को नियंत्रित करने वाले महत्वपूर्ण हार्मोन (hormones) बनाती है। ये हार्मोन शरीर ऊर्जा का उपयोग कैसे करता है, इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और इस प्रक्रिया में रक्त शर्करा (blood sugar) का स्तर भी शामिल होता है।

जब थायराइड ग्रंथि सामान्य रूप से काम नहीं करती - चाहे वह बहुत कम हार्मोन बना रही हो (हाइपोथायरायडिज्म - Hypothyroidism) या बहुत अधिक (हाइपरथायरायडिज्म - Hyperthyroidism) - तो यह डायबिटीज वाले व्यक्ति के रक्त शर्करा नियंत्रण को प्रभावित कर सकता है।

हाइपोथायरायडिज्म, जो डायबिटीज के रोगियों में अधिक आम है, मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है और रक्त शर्करा को नियंत्रित करना मुश्किल बना सकता है। यह उच्च कोलेस्ट्रॉल (high cholesterol) और हृदय रोग (heart disease) जैसी अन्य जटिलताओं के जोखिम को भी बढ़ा सकता है, जो वैसे भी डायबिटीज के रोगियों में एक चिंता का विषय होता है।

यही कारण है कि डायबिटीज वाले सभी व्यक्तियों के लिए नियमित रूप से थायराइड की जांच (thyroid testing/screening) करवाने की सलाह दी जाती है। समय पर निदान (diagnosis) और उचित उपचार (treatment) दोनों स्थितियों को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकता है, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य जटिलताओं (complications) का खतरा कम हो जाता है।

, डायबिटीज के साथ थायराइड का प्रभावी प्रबंधन न केवल आपके रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद करता है, बल्कि आपके समग्र स्वास्थ्य की रक्षा करने और जीवन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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