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Up Kiran, Digital Desk: नमस्ते! हर दिन की शुरुआत से पहले यदि हमें शुभ-अशुभ समय, तिथि और ग्रहों की चाल का पता हो, तो हम अपने कामों को और भी बेहतर तरीके से प्लान कर पाते हैं. आज यानी 17 नवंबर 2025, सोमवार का दिन बेहद खास है, क्योंकि आज मार्गशीर्ष मास का पहला सोम प्रदोष व्रत रखा जा रहा है. यह दिन भगवान शिव और चंद्र देव की कृपा पाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. आइए जानते हैं आज के पंचांग की पूरी जानकारी.

आज का पंचांग: सोमवार, 17 नवंबर 2025

आज मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. इस दिन भगवान शिव को समर्पित सोम प्रदोष व्रत का विशेष संयोग बन रहा है, जो सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना जाता है आज चित्रा नक्षत्र रहेगा, जो अगले दिन सुबह 05:01 बजे तक प्रभावी रहेगा, इसके बाद स्वाति नक्षत्र का आरंभ होगा

योग की बात करें तो आज प्रीति योग सुबह 07:23 मिनट तक रहेगा, जिसके बाद आयुष्मान योग शुरू हो जाएगा करण गर शाम 05:58 मिनट तक रहेगा, और उसके बाद वणिज करण का प्रभाव रहेगा

सूर्य और चंद्रमा का गोचर

आज के दिन सूर्य तुला राशि में विराजमान रहेंगे. चंद्रमा आज दोपहर 03:35 बजे तक कन्या राशि में रहेंगे, उसके बाद तुला राशि में प्रवेश करेंगे.

शुभ-अशुभ मुहूर्त और दिशाशूल

किसी भी कार्य की शुरुआत से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त का ज्ञान होना बहुत जरूरी होता है.

  1. सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 45 मिनट पर
  2. सूर्यास्त: शाम 05 बजकर 27 मिनट पर
  3. चंद्रोदय: 18 नवंबर को सुबह 04 बजकर 56 मिनट पर
  4. चंद्रास्त: दोपहर 03 बजकर 32 मिनट पर

शुभ मुहूर्त (Auspicious Timings)

  1. अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक
  2. अमृत काल: रात 09 बजकर 52 मिनट से रात 11 बजकर 39 मिनट तक

अशुभ समय (Inauspicious Timings)

  1. राहुकाल: सुबह 08 बजकर 05 मिनट से सुबह 09 बजकर 26 मिनट तक
  2. यमगंड: सुबह 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 06 मिनट तक
  3. गुलिक काल: दोपहर 01 बजकर 26 मिनट से दोपहर 02 बजकर 46 मिनट तक
  4. दिशाशूल: सोमवार को पूर्व दिशा में दिशाशूल होता है. ऐसे में आज पूर्व दिशा की यात्रा से बचें. यदि बहुत जरूरी हो तो दही या दर्पण देखकर घर से निकलें.

सोम प्रदोष व्रत का महत्व और पूजा विधि

सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है. इस दिन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद और रात्रि से पहले के समय में शिवजी की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. ऐसी मान्यता है कि सोम प्रदोष व्रत रखने और शिव जी की आराधना करने से भक्तों को उत्तम स्वास्थ्य, मानसिक शांति, संतान सुख और जीवन में सुख-समृद्धि मिलती है

पूजा विधि

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें.
  2. भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें.
  3. पूरे दिन निराहार या फलाहार व्रत रखें.
  4. शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव का जलाभिषेक, रुद्राभिषेक या पंचामृत से अभिषेक करें.
  5. शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमी पत्र, सफेद चंदन, अक्षत और फूल अर्पित करें.
  6. भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें.
  7. "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें
  8. चंद्रोदय के समय चंद्र देव को दूध मिश्रित जल का अर्घ्य देना भी शुभ माना जाता है

यह दिन भगवान शिव की कृपा पाने का एक सुनहरा अवसर है. अपनी श्रद्धा और भक्ति से की गई पूजा से निश्चित रूप से शुभ फल प्राप्त होंगे.