Up Kiran, Digital Desk: दक्षिण पूर्व रेलवे चक्रधरपुर मंडल में एक विशाल परियोजना को ज़मीन पर उतारने जा रही है। इसका मक़सद है सिनी और कांड्रा स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करना। साथ ही इन दोनों अहम स्टेशनों के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन बिछाकर क्षमता को बढ़ाना भी इस योजना का मुख्य हिस्सा है।
742 करोड़ रुपए का टेंडर जारी: बढ़ेगी स्पीड घटेगी देरी
इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को साकार करने के लिए रेलवे ने 742.74 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत का ई-टेंडर जारी किया है। जब यह काम पूरा हो जाएगा तब सिनी और कांड्रा स्टेशन न केवल विश्वस्तरीय सुविधाओं से चमकेंगे बल्कि इस महत्वपूर्ण रेल मार्ग पर ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी। इससे परिचालन पहले से कहीं अधिक सरल और सुगम हो जाएगा।
क्या होगा काम: दो साल में लक्ष्य पूरा
रेलवे के टेंडर के मुताबिक इस परियोजना में सिनी और कांड्रा स्टेशनों पर यार्ड की व्यापक रीमॉडलिंग शामिल है। इसका मतलब है कि पुराने ढांचे को हटाकर नई ज़रूरतों के हिसाब से सब कुछ विकसित किया जाएगा।
सबसे खास बात यह है कि दोनों स्टेशनों के बीच प्रस्तावित तीसरी और चौथी रेल लाइन से जुड़े सभी निर्माण कार्य भी इसी टेंडर का हिस्सा हैं। रेलवे ने इस बृहद कार्य को 24 महीने यानी दो साल में पूरा करने की समय सीमा तय की है।
बोली लगाने की अंतिम तिथि 27 नवंबर
इच्छुक कंपनियां 3.86 करोड़ रुपये की बयाना राशि के साथ 13 नवंबर से अपनी बोली ऑनलाइन जमा कर सकेंगी। टेंडर जमा करने की अंतिम तिथि 27 नवंबर दोपहर 12 बजे तक निर्धारित है।
इस विस्तृत परियोजना में नए स्टेशन भवन प्लेटफॉर्म फुट ओवर ब्रिज नालियां और संपर्क सड़कों जैसे प्रमुख निर्माण कार्य होंगे। साथ ही रेल लाइन बिछाने के लिए बड़े पैमाने पर मिट्टी की भराई और खुदाई का काम भी होगा।
इसके अलावा स्टील के नए ढांचे खड़े करने बोरिंग और ड्रिलिंग के काम और पुरानी हो चुकी संरचनाओं को सुरक्षित हटाने की प्रक्रिया भी शामिल है। काम को समग्र रूप देने के लिए केबल रूट सर्वे बैलास्ट की आपूर्ति और बागवानी जैसे कार्य भी किए जाएंगे।
यात्रियों को मिलेंगी अत्याधुनिक सुविधाएं
यार्ड रीमॉडलिंग और स्टेशन के विकास से यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। नए प्लेटफॉर्म ऊंचे और आरामदायक बनेंगे जिससे ट्रेनों में चढ़ना उतरना आसान होगा। एक प्लेटफॉर्म से दूसरे पर जाने के लिए सुरक्षित फुट ओवर ब्रिज बनेंगे।
इसके साथ ही आधुनिक प्रतीक्षालय नए टिकट काउंटर डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड स्वच्छ पेयजल और बेहतर प्रकाश व्यवस्था जैसी सुविधाओं से स्टेशनों का कायाकल्प होगा।
तीसरी चौथी लाइन गेम चेंजर
तीसरी और चौथी लाइन का निर्माण इस परियोजना का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। अभी दो लाइनों पर ही यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों का भारी दबाव रहता है। इसके चलते ट्रेनों को अक्सर आउटर पर रोकना पड़ता है।
नई लाइनें बिछने से मालगाड़ियों और यात्री ट्रेनों के लिए समर्पित ट्रैक उपलब्ध होंगे। इससे न केवल ट्रेनों की औसत गति बढ़ेगी बल्कि वे समय पर अपने गंतव्य तक पहुंच पाएंगी।
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