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एक नई और सख्त नीति के तहत अमेरिकी सरकार ने ये साफ कर दिया है कि अब वे ऐसे विदेशी नागरिकों को वीज़ा या ग्रीन कार्ड नहीं देंगे, जो सोशल मीडिया पर फिलिस्तीन, हमास या हिजबुल्लाह जैसे संगठनों का समर्थन करते हैं या इजरायल व उसके नागरिकों या यहूदी समुदाय के खिलाफ टिप्पणी करते हैं।

क्या है नई नीति?

अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाएं (USCIS) ने घोषणा की है कि अब वीज़ा और स्थायी निवास के आवेदनों पर विचार करते वक्त आवेदकों की सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच की जाएगी। यदि किसी शख्स ने यहूदी विरोधी या फिलिस्तीन से सहानुभूति रखने वाला कोई कंटेंट पोस्ट या साझा किया है, तो उसे निगेटिव काम मानते हुए वीज़ा या ग्रीन कार्ड से वंचित किया जा सकता है।

ये नियम फिलहाल तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है और इसका असर छात्र वीज़ा, पर्यटन वीज़ा और स्थायी निवास जैसे तमाम आव्रजन मार्गों पर होगा।

क्यों सख्त हुआ यूएससीआईएस

USCIS ने साफ तौर पर कहा है कि ऐसे पोस्ट जो अमेरिका द्वारा आतंकी संगठन घोषित किए गए समूहों जैसे हमास, फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद, हिजबुल्लाह और यमन के हौथी का समर्थन करते हैं। उन्हें यहूदी विरोधी माना जाएगा। इसी तरह इजरायल या यहूदी समुदाय के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले बयान भी गंभीरता से लिए जाएंगे।