Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात के और भी पुख्ता संकेत दिए हैं कि अमेरिका 33 साल के लंबे अंतराल के बाद दोबारा परमाणु हथियारों का परीक्षण शुरू कर सकता है। एक इंटरव्यू के दौरान जब उनसे इस बारे में सीधा सवाल पूछा गया तो उन्होंने एक रहस्यमयी जवाब दिया, जिससे दुनिया भर में हथियारों की एक नई दौड़ शुरू होने की आशंका बढ़ गई है।
ऑल इन पॉडकास्ट को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के लिए अपने परमाणु हथियारों की ताकत को बनाए रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने दावा किया कि रूस और चीन जैसे देश लगातार अपने परमाणु हथियारों का "परीक्षण" कर रहे हैं और अपने जखीरे को बढ़ा रहे हैं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका भी परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करेगा, तो उन्होंने कहा, आपको बहुत जल्द पता चल जाएगा।
ट्रंप ने पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने अमेरिकी परमाणु शस्त्रागार को आधुनिक बनाने पर ध्यान नहीं दिया। उनके मुताबिक, एक मजबूत परमाणु ताकत ही यह सुनिश्चित कर सकती है कि दूसरे देश अमेरिका से उलझने की हिम्मत न करें।
आपको बता दें कि अमेरिका ने 1992 के बाद से कोई भी परमाणु विस्फोट परीक्षण नहीं किया है। तब से, अमेरिका अपने हथियारों की जांच के लिए कंप्यूटर सिमुलेशन और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल करता रहा है।ट्रंप के इस बयान ने उन विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है, जिन्हें डर है कि अगर अमेरिका ने परीक्षण फिर से शुरू किए तो यह एक खतरनाक वैश्विक परमाणु दौड़ को जन्म दे सकता है।
हालांकि, ट्रंप प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने यह भी कहा है कि फिलहाल जो परीक्षण किए जा रहे हैं, वे परमाणु विस्फोट नहीं हैं, बल्कि हथियारों के बाकी सिस्टम की जांच के लिए किए जाने वाले नॉन क्रिटिकल टेस्ट हैं। लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप के इस नए बयान ने एक बार फिर इस बहस को हवा दे दी है कि क्या दुनिया शीत युद्ध के दौर वाली खतरनाक हथियारों की दौड़ की तरफ बढ़ रही है।
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