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Up Kiran, Digital Desk: आई ड्रॉप का नाम सुनते ही ज्यादातर लोग सोचते हैं बोतल खोलो, दो बूंद आंखों में डालो और काम खत्म! लेकिन यही लापरवाही आपकी आंखों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। बहुत से लोग बिना सोचे-समझे आई ड्रॉप का इस्तेमाल करते हैं, जिससे न केवल दवा बेअसर हो जाती है बल्कि आंखों में इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है।
आई सर्जन डॉ. भानु ने हाल ही में एक पोस्ट के जरिए इस आम गलती की ओर लोगों का ध्यान खींचा और बताया कि आई ड्रॉप का सही तरीका क्या है। आइए समझते हैं कि आम लोग क्या गलती कर रहे हैं और इसका सही तरीका क्या है।
बिना हाथ धोए ड्रॉप डालना सीधा इंफेक्शन का रास्ता
डॉ. भानु के मुताबिक, सबसे पहली और आम गलती यह है कि लोग आई ड्रॉप डालने से पहले अपने हाथ नहीं धोते। हमारे हाथ दिनभर कई सतहों को छूते हैं, जिन पर बैक्टीरिया हो सकते हैं। ऐसे में अगर गंदे हाथों से आंखें छू ली जाएं, तो इन्फेक्शन या जलन होना तय है। इसलिए, आई ड्रॉप डालने से पहले अच्छे से हैंडवॉश करना बेहद जरूरी है।
दो बूंद डालना समझदारी नहीं, बर्बादी है
लोगों को लगता है कि जितनी ज्यादा बूंदें डालेंगे, उतना ज्यादा फायदा होगा। लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल उलट है। डॉक्टर साफ कहते हैं कि एक बार में सिर्फ एक बूंद ही पर्याप्त होती है। इससे ज्यादा डालने से दवा आंख में रुकती ही नहीं, बाहर निकल जाती है। और अगर दो अलग-अलग ड्रॉप्स इस्तेमाल करनी हैं, तो उनके बीच कम से कम 30 मिनट का अंतर जरूरी है।
सीधे आंख में मत डालिए, बनाइए छोटा सा पॉकेट
आई ड्रॉप डालते वक्त लोग आमतौर पर ड्रॉप सीधे आंख के ऊपर डालते हैं, जो गलत तरीका है। डॉ. भानु बताते हैं कि ऊपर देखने के बाद, नीचे की पलक को हल्का खींचें और एक छोटा सा ‘पॉकेट’ बनाएं। यही वह जगह है जहां ड्रॉप डालनी चाहिए। इससे दवा सही हिस्से में पहुंचेगी और बेहतर असर करेगी।
ड्रॉप डालने के बाद आंखें बंद रखना है जरूरी
आई ड्रॉप डालने के तुरंत बाद आंखें खोलकर इधर-उधर देखने की गलती न करें। एक मिनट तक आंखें हल्के से बंद रखें। जोर से आंखें भींचना भी नुकसानदायक हो सकता है। बस हल्का दबाव देते हुए आंखें बंद करें, ताकि दवा अच्छे से अवशोषित हो सके।
ये छोटी-छोटी लापरवाहियां बढ़ा सकती हैं आंखों की समस्या
आई ड्रॉप लगाना भले ही मामूली सा काम लगे, लेकिन गलत तरीका अपनाने से इसका फायदा नहीं मिलता और आंखों की सेहत बिगड़ सकती है। खासकर बुजुर्गों, बच्चों और आई इंफेक्शन से पीड़ित लोगों को इसकी सही जानकारी होना बेहद जरूरी है।