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Up Kiran, Digital Desk: सीरिया में एक बार फिर आतंक ने अपना सिर उठाया है। दमिश्क के पास स्थित एक सीरियाई चर्च में रविवार की सामूहिक प्रार्थना (मास) के दौरान एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया, जिससे कई लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब देश पहले से ही एक दशक से अधिक समय से चल रहे संघर्ष से जूझ रहा है और धार्मिक स्थलों पर हमलों से तनाव और बढ़ गया है।

हमला दमिश्क के बाहरी इलाके में स्थित एक चर्च में हुआ, जहाँ रविवार की सुबह बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोग प्रार्थना के लिए एकत्र हुए थे। आत्मघाती हमलावर भीड़ के बीच घुसने में सफल रहा और उसने अपने शरीर पर बंधे विस्फोटकों में धमाका कर दिया।

विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि चर्च को भारी नुकसान पहुँचा, और चारों ओर चीख-पुकार मच गई। सुरक्षा बल और आपातकालीन सेवाएँ तुरंत मौके पर पहुँचीं और घायलों को पास के अस्पतालों में ले जाया गया। मरने वालों की संख्या की पुष्टि 

 अभी तक किसी भी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन ऐसे हमले अक्सर आतंकवादी समूहों द्वारा किए जाते हैं जो सीरिया में अस्थिरता और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाना चाहते हैं। यह घटना सीरिया में ईसाई अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षा चुनौतियों को भी उजागर करती है।

यह हमला सीरिया में धार्मिक स्वतंत्रता और सुरक्षित पूजा स्थलों की आवश्यकता पर गंभीर सवाल उठाता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ऐसी घटनाओं की निंदा करने और सीरिया में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए सामूहिक प्रयास करने का आग्रह किया जा रहा है।

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