img

Up Kiran, Digital Desk: ऐसे समय में जब देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था कई तरह की चुनौतियों से गुजर रही है, तब दक्षिण भारत के एक राज्य ने विकास की ऐसी रफ्तार पकड़ी है कि सब हैरान हैं। आंध्र प्रदेश ने चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (Q1) में 10.5% की शानदार आर्थिक विकास दर दर्ज की है, जो राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है।

यह आंकड़े सिर्फ नंबर नहीं हैं, बल्कि यह इस बात का सबूत है कि राज्य की नीतियां और मेहनत सही दिशा में काम कर रही हैं। यह दिखाता है कि आंध्र प्रदेश देश के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में से एक बनकर उभर रहा है।

इस जबरदस्त छलांग के पीछे का राज़ क्या है?

आंध्र प्रदेश की यह सफलता किसी एक सेक्टर के भरोसे नहीं है, बल्कि यह एक चौतरफा विकास का नतीजा है। राज्य की अर्थव्यवस्था के तीनों मुख्य स्तंभों - कृषि, उद्योग और सेवाएं - ने मिलकर इस कहानी को लिखा है।

कृषि (Agriculture): कृषि हमेशा से आंध्र प्रदेश की रीढ़ रही है, और इस बार भी किसानों की मेहनत रंग लाई है। कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों ने इस ग्रोथ में एक मजबूत आधार प्रदान किया है।

उद्योग (Industry): 'मेक इन इंडिया' की तर्ज पर राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने की नीतियों का असर अब साफ दिखने लगा है। नए निवेश और फैक्ट्रियों ने औद्योगिक उत्पादन को एक नई गति दी है।

सेवाएं (Services): आईटी, पर्यटन और अन्य सेवा क्षेत्रों ने भी इस विकास दर को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

क्या हैं इसके मायने: 10.5% की यह विकास दर सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है। इसका सीधा मतलब है:

राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

लोगों की आय में वृद्धि हो रही है।

सरकार के पास सड़क, बिजली और पानी जैसी सुविधाओं पर खर्च करने के लिए अधिक पैसा आ रहा है।

यह प्रदर्शन आंध्र प्रदेश को निवेशकों के लिए एक आकर्षक मंजिल के रूप में भी स्थापित करता है। जब कोई राज्य लगातार राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन करता है, तो बड़ी-बड़ी कंपनियां वहां निवेश करने के लिए आगे आती हैं, जिससे विकास का चक्र और तेजी से घूमता है।