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Up Kiran, Digital Desk: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने कोलंबिया के एक कार्यक्रम में बोलते हुए भारत के लोकतंत्र को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर कई दिशाओं से हमले हो रहे हैं और यही भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है।

छात्रों से बोले राहुल: "भारत को दबाव नहीं, संवाद चाहिए"

कोलंबिया की एक प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में छात्रों से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने भारतीय समाज की विविधता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में, जहां अनेक धर्म, भाषाएं और संस्कृतियां हैं, वहां लोकतंत्र ही एक ऐसा ढांचा है जो सबको साथ लाने का मौका देता है।

उनके मुताबिक, वर्तमान समय में इसी लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "भारत को दुनिया के साथ बहुत कुछ साझा करना है, लेकिन जब तक लोकतंत्र सुरक्षित नहीं रहेगा, तब तक यह संभव नहीं हो पाएगा।"

"विभाजन की रेखाएं खिंच रही हैं" - राहुल का इशारा देश के अंदरूनी हालात पर

राहुल गांधी ने देश के भीतर बढ़ती दूरियों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत में करीब 16-17 प्रमुख भाषाएं और कई धर्म हैं, जिन्हें अपने तरीके से जीने और अभिव्यक्ति देने की पूरी आज़ादी मिलनी चाहिए। उन्होंने चीन की तुलना करते हुए कहा कि भारत को किसी सत्तावादी रास्ते पर नहीं चलना चाहिए, बल्कि संवाद और लोकतंत्र को बढ़ावा देना चाहिए।

भाजपा का पलटवार: "देश को बदनाम कर रहे राहुल गांधी!"

राहुल गांधी के बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि राहुल गांधी फिर से वही कर रहे हैं जो वह अक्सर करते हैं — विदेश जाकर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाना।

उन्होंने तंज कसते हुए लिखा, "राहुल गांधी अब LoP नहीं बल्कि 'लीडर ऑफ प्रोपेगेंडा' बन चुके हैं। वो बार-बार विदेशी मंचों से भारत पर सवाल उठाते हैं, कभी अमेरिका से हस्तक्षेप की बात करते हैं तो अब कोलंबिया में लोकतंत्र को लेकर डर फैलाते हैं।"