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Up Kiran, Digital Desk: आज के समय में, जहाँ रिश्ते पहले से ज़्यादा जटिल हो गए हैं, 'ग्रे डिवोर्स' (Grey Divorce) यानी बुज़ुर्गों के बीच बढ़ते अलगाव का मामला चर्चा में है। हाल ही में, सुनीता और गोविंदा जैसे चर्चित जोड़ों के बीच अलगाव की अफवाहों ने इस ट्रेंड को और भी हाईलाइट किया है। यह उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो लंबे समय से शादीशुदा जीवन बिता रहे हैं और अब अलग होने का फैसला कर रहे हैं।

'ग्रे डिवोर्स' क्या है और क्यों बढ़ रहा है?

'ग्रे डिवोर्स' उन जोड़ों के बीच तलाक को दर्शाता है जो लंबे समय से शादीशुदा हैं, अक्सर 50 साल या उससे अधिक समय से, और अब अलग होने का फैसला करते हैं। इस ट्रेंड के पीछे कई कारण हो सकते हैं:

बदलते सामाजिक मानदंड: समाज अब तलाक को पहले की तरह गलत नहीं मानता।

लंबे जीवनकाल: लोग अब ज़्यादा जीते हैं, और अगर शादीशुदा जीवन खुशहाल नहीं है, तो वे बाकी की ज़िंदगी अकेले बिताना बेहतर समझते हैं।

बच्चों का बड़ा होना: जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और अपने पैरों पर खड़े हो जाते हैं, तो कई जोड़े यह महसूस करते हैं कि उनके बीच अब सिर्फ बच्चों के लिए ही रिश्ता बचा है।

व्यक्तिगत स्वतंत्रता की चाह: कुछ लोग शादी के लंबे समय बाद अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता और ख़ुशी को फिर से पाना चाहते हैं।

आर्थिक स्वतंत्रता: महिलाओं की बढ़ती आर्थिक स्वतंत्रता भी उन्हें ऐसे फैसले लेने में मदद करती है।

सुनीता और गोविंदा का मामला (अफवाहें):

सुनीता और गोविंदा के बीच अलगाव की अफवाहें, चाहे वे सच हों या नहीं, इस बढ़ते ट्रेंड की ओर इशारा करती हैं। अगर यह सच है, तो यह दर्शाता है कि लंबे समय से चले आ रहे रिश्ते भी, अगर उनमें खुशी और आपसी समझ न हो, तो समाप्त हो सकते हैं।

क्या है इसके पीछे की सीख?

यह ट्रेंड हमें यह सिखाता है कि रिश्ते को मज़बूत रखने के लिए सिर्फ लंबा समय बिताना काफी नहीं है। आपसी समझ, संवाद, एक-दूसरे के लिए समय निकालना और व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित करना, ये सब रिश्ते को ज़िंदा रखने के लिए ज़रूरी हैं।

'ग्रे डिवोर्स' भले ही एक ट्रेंड बन रहा हो, लेकिन यह उन लोगों के लिए एक व्यक्तिगत फैसला है जो अपनी खुशी और मानसिक शांति को प्राथमिकता देते हैं।

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