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Up Kiran, Digital Desk: क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी कुंडली के ग्रहों का आपके जीवन पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है? ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह की अपनी एक खासियत और ताकत होती है. इन्हीं में से एक हैं ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के कारक माने जाने वाले देव गुरु बृहस्पति. आज हम बात करेंगे जब ये शुभ ग्रह आपकी कुंडली के चौथे घर में बैठे हों, तो इसका आपके जीवन पर क्या असर पड़ता है. यह जानकर आपको हैरानी हो सकती है कि गुरु का चौथे भाव में होना आपके परिवार, घर, माँ और खुशियों से कैसे जुड़ा है!

गुरु और चौथा घर: एक गहरा रिश्ता

आपकी कुंडली का चौथा घर कई चीजों का प्रतिनिधित्व करता है – ये आपकी माँ का स्थान है, आपके घर का सुख, पैतृक संपत्ति, ज़मीन-जायदाद, और मन की शांति को भी इसी भाव से देखा जाता है. जब इस भाव में गुरु ग्रह विराजते हैं, तो इसके कई दिलचस्प परिणाम सामने आते हैं. ये प्रभाव शुभ भी हो सकते हैं और कुछ स्थितियों में थोड़ी चुनौतियाँ भी दे सकते हैं, यह निर्भर करता है कि गुरु अपनी मित्र राशि में हैं या शत्रु राशि में, और उन पर किन ग्रहों की दृष्टि है.

गुरु का शुभ प्रभाव: जब सब कुछ अच्छा होता है!

अगर आपकी कुंडली में गुरु चौथे घर में मज़बूत और शुभ स्थिति में बैठे हैं, तो मानिए आपका भाग्य उदय हो चुका है. ऐसे लोगों को घर का सुख भरपूर मिलता है.

  1. घर-परिवार का सुख: ऐसे व्यक्ति के पास अपना बड़ा और आरामदायक घर होने की संभावना बहुत ज़्यादा होती है. आप अपने घर को एक सुरक्षित और खुशहाल जगह मानते हैं.
  2. माँ का प्यार और सहयोग: चौथे घर में गुरु का होना माँ के साथ अच्छे रिश्ते का संकेत है. आपकी माँ समझदार और धार्मिक विचारों वाली हो सकती हैं और जीवन के हर मोड़ पर आपका पूरा साथ देती हैं.
  3. ज्ञान और आध्यात्मिकता: गुरु ज्ञान के देवता हैं, तो चौथे घर में इनकी मौजूदगी आपको शिक्षा के क्षेत्र में भी सफल बनाती है. ऐसे लोग धार्मिक विचारों वाले, दार्शनिक और ज्ञानी होते हैं. वे अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं और आध्यात्मिक मामलों में गहरी रुचि रखते हैं.
  4. भूमि और संपत्ति का लाभ: यह योग आपको पैतृक संपत्ति, ज़मीन-जायदाद और वाहन का सुख भी देता है. ऐसे लोग भौतिक सुख-सुविधाओं से संपन्न होते हैं.
  5. आरामदायक जीवन: आप एक स्थिर और शांतिपूर्ण जीवन का आनंद लेते हैं. घरेलू माहौल अक्सर सौहार्दपूर्ण रहता है.
  6. सामाजिक प्रतिष्ठा: आपके पास समाज में एक अच्छी पहचान और प्रतिष्ठा होती है. लोग आपके ज्ञान और विवेक का सम्मान करते हैं.

कुछ चुनौतियाँ और उनसे जुड़ी बातें:

हालांकि गुरु शुभ ग्रह हैं, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में या अशुभ ग्रहों के प्रभाव में ये चौथे घर में कुछ चुनौतियाँ भी दे सकते हैं:

  1. अधिक खर्च की आदत: कई बार ऐसे लोग घर की साज-सज्जा या सुख-सुविधाओं पर थोड़ा ज़्यादा खर्च कर देते हैं, जिससे बजट गड़बड़ा सकता है.
  2. माता के स्वास्थ्य पर असर: कुछ मामलों में अगर गुरु पीड़ित हों, तो माँ के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं रह सकती हैं.
  3. जीवनसाथी का दूर रहना: कई ज्योतिष विद्वानों का मानना है कि ऐसे लोग करियर के चलते या किसी अन्य कारण से अपने जीवनसाथी से कुछ समय के लिए दूर भी रह सकते हैं, या उनका जीवनसाथी बाहरी देश या दूसरे शहर का हो सकता है.
  4. भावनात्मक उथल-पुथल: कई बार गुरु के इस घर में होने से व्यक्ति भावनात्मक रूप से अधिक संवेदनशील हो सकता है, जिससे छोटी-छोटी बातों का भी गहरा असर पड़ सकता है.

क्या करें उपाय?

अगर आपकी कुंडली में गुरु चौथे घर में हैं और आप उनके शुभ प्रभावों को बढ़ाना या अशुभ प्रभावों को कम करना चाहते हैं, तो कुछ सामान्य उपाय कर सकते हैं:

  1. अपनी माँ और परिवार के सदस्यों का हमेशा सम्मान करें.
  2. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा करें.
  3. पीले वस्त्र पहनें और बेसन के लड्डू या केले का दान करें.
  4. घर में सकारात्मक और धार्मिक माहौल बनाए रखें.
  5. संभव हो तो 'बृहस्पति स्तोत्र' का पाठ करें.

निष्कर्ष में, जब देव गुरु बृहस्पति आपकी कुंडली के चौथे घर में होते हैं, तो यह ज्यादातर अच्छे और सकारात्मक परिणाम ही लेकर आता है, बशर्ते वे मज़बूत स्थिति में हों. यह आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की नींव रखता है. अपनी कुंडली का विश्लेषण किसी अनुभवी ज्योतिषी से कराकर आप अपने लिए और भी सटीक जानकारी पा सकते हैं.