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Up Kiran, Digital Desk:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम रखना सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई का नामकरण नहीं था—यह भारत की भावनात्मक और रणनीतिक प्रतिक्रिया का प्रतीक था। यह उन महिलाओं को समर्पित था, जिन्होंने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले में अपने पति खो दिए। भारत ने आतंक के ठिकानों पर मिसाइलें चलाकर साफ कर दिया—अब सिर्फ शब्द नहीं, जवाब मिलेगा… वो भी ऐसा कि इतिहास गवाही देगा।

क्या है ‘ऑपरेशन सिंदूर’

22 अप्रैल को जब आतंकियों ने पहलगाम में हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया, तो सिर्फ 26 लोगों की जान नहीं गई, बल्कि देश की आत्मा पर भी हमला हुआ। इन हमलों में कई पुरुषों की हत्या उनके परिवारों के सामने की गई। उनके माथे का सिंदूर, अचानक शोक की राख में बदल गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस त्रासदी को केवल सैन्य प्रतिक्रिया तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने इसे नारी सम्मान और राष्ट्र की सुरक्षा का मिलाजुला उत्तर बना दिया। इसीलिए इस ऑपरेशन का नाम रखा गया — ‘सिंदूर’।

9 आतंकवादी अड्डों पर सटीक मिसाइल हमले

बुधवार तड़के भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर एक साथ सटीक मिसाइल हमले किए। इनमें कई नाम वही हैं जिनका खौफ भारत ने 26/11 से लेकर पुलवामा तक देखा है:

बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय

मुरीदके: लश्कर-ए-तैयबा का कुख्यात अड्डा

मुजफ्फराबाद, कोटली, सियालकोट: हिज्बुल मुजाहिदीन के ठिकाने और ट्रेनिंग कैंप

तेहरा कलां और बरनाला: आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर

यह हमला न केवल सटीक था, बल्कि संयमित भी था। किसी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया। ये हमला केवल आतंकवाद के ढांचे पर केंद्रित था, जिससे भारत की वैश्विक प्रतिबद्धता भी बनी रहे और संदेश भी कड़ा जाए।

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