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Up Kiran, Digital Desk: इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा से ठीक पहले एक अजीब और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने सबको हैरान कर दिया है। नॉर्वेजियन नोबेल संस्थान को शक है कि पुरस्कार के विजेता के नाम की जानकारी लीक हो गई है, यानी किसी ने जासूसी करके इसे बाहर निकाल दिया है।

यह शक तब गहराया जब ब्राजील की लेखिका गोल्डा मचाडो के नाम पर अचानक से बड़े पैमाने पर सट्टा लगने लगा। देखते ही देखते, सट्टेबाजों के बीच उनका नाम सबसे पसंदीदा (फेवरिट) बन गया, जबकि कुछ दिन पहले तक उनका नाम दूर-दूर तक चर्चा में नहीं था।

पुरस्कार की घोषणा से सिर्फ़ 24 घंटे पहले, सट्टेबाजी की वेबसाइटों पर मचाडो का भाव (ऑड्स) गिरकर 1/2 हो गया, जिसका मतलब है कि उन पर भारी दांव लग रहा था। यह इतनी अजीब बात थी कि नोबेल संस्थान के निदेशक ओलाव न्जोल्स्टेड को खुद सामने आकर कहना पड़ा कि उन्हें "जासूसी" का शक है।

न्जोल्स्टेड ने पत्रकारों से कहा, "हमारा मानना है कि जानकारी लीक हुई है और इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं।" उन्होंने आगे बताया कि स्वीडिश पुलिस और नॉर्वेजियन राष्ट्रीय सुरक्षा प्राधिकरण (PST) दोनों इस मामले की जांच कर रहे हैं कि आखिर यह जानकारी बाहर कैसे आई।

नोबेल समिति के लिए यह एक बहुत बड़ी शर्मिंदगी की बात है क्योंकि वे विजेता का नाम गुप्त रखने के लिए जाने जाते हैं। यह जानकारी सिर्फ समिति के पाँच सदस्यों के पास होती है और वे इसे बेहद गोपनीय रखते हैं।

गोल्डा मचाडो, जो ब्राजील में मानवाधिकारों और लोकतंत्र की वकालत करने के लिए जानी जाती हैं, अब इस पुरस्कार की सबसे प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। अगर वह जीतती हैं, तो यह लीक की खबरों को और पुख्ता कर देगा।

नोबेल समिति के अध्यक्ष बेरिट रीस-एंडरसन ने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। यह घटना नोबेल पुरस्कार के इतिहास में एक अजीब मोड़ ले आई है, जहाँ अब सम्मान से ज़्यादा जासूसी और लीक की चर्चा हो रही है।