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Up Kiran, Digital Desk: शुक्रवार को भारतीय शेयर बाज़ार की शुरुआत हल्की गिरावट के साथ हुई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाज़ार से अपना पैसा निकाल रहे हैं। हालांकि, दुनिया भर के बाज़ारों से अच्छे संकेत मिल रहे थे और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के हालिया फैसलों से भी बाज़ार में थोड़ी उम्मीद बनी हुई थी, लेकिन विदेशी बिकवाली का दबाव ज़्यादा रहा।

सुबह 9:20 बजे, सेंसेक्स 191 अंक यानी 0.24% गिरकर 80,792 पर था। वहीं, निफ्टी 56 अंक यानी 0.23% की गिरावट के साथ 24,780 पर कारोबार कर रहा था।

कौन से शेयर चढ़े और कौन से गिरे?

आज छोटे और मझोले शेयरों (Midcap and Smallcap) में थोड़ी खरीदारी देखने को मिली, ये इंडेक्स 0.22% और 0.14% ऊपर थे। निफ्टी में टाटा स्टील, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और टाटा मोटर्स जैसे बड़े शेयरों में तेज़ी रही। वहीं, मैक्स हेल्थकेयर, बजाज फाइनेंस, श्रीराम फाइनेंस और ICICI बैंक के शेयरों में गिरावट देखी गई।

अगर सेक्टर की बात करें तो आज मेटल सेक्टर के शेयरों में सबसे ज़्यादा 0.89% की बढ़त थी। इसके अलावा, सरकारी बैंकों और फार्मा सेक्टर में भी खरीदारी देखने को मिली। दूसरी तरफ, मीडिया और FMCG सेक्टर के शेयरों में सबसे ज़्यादा बिकवाली का दबाव रहा।

बाज़ार के जानकारों का क्या कहना है?

जानकारों का मानना है कि अगर निफ्टी 24,900 के स्तर से ऊपर बना रहता है, तो यह 25,000 और 25,150 तक जा सकता है। फिलहाल, बाज़ार के लिए 24,750 और 24,600 पर एक मज़बूत सपोर्ट है, जहाँ से खरीदारी लौट सकती है।

दुनिया भर के बाज़ारों का क्या हाल है?अमेरिका: कल रात अमेरिकी बाज़ार बढ़त के साथ बंद हुए थे।

एशिया: आज ज़्यादातर एशियाई बाज़ारों में भी तेज़ी है। चीन, जापान और दक्षिण कोरिया के बाज़ार ऊपर हैं, लेकिन हांगकांग का बाज़ार गिरा है। निवेशक अमेरिका में चल रहे सरकारी शटडाउन पर भी नज़र बनाए हुए हैं ताकि पता चल सके कि इसका अर्थव्यवस्था पर कितना असर पड़ेगा।

विदेशी बेच रहे, तो कौन खरीद रहा है?

विश्लेषकों का कहना है कि RBI ने अर्थव्यवस्था में पैसों का प्रवाह बढ़ाने के लिए जो कदम उठाए हैं, उनसे बाज़ार, खासकर बैंकिंग शेयरों को फायदा मिल सकता है। लेकिन सबसे बड़ी चिंता विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की तरफ से हो रही लगातार बिकवाली है। ऐसा लग रहा है कि वे आगे भी बिकवाली जारी रखेंगे, जिससे बाज़ार पर दबाव बना रहेगा।

हालांकि, राहत की बात यह है कि घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) यानी भारत के बड़े निवेशक फंड्स, जमकर खरीदारी कर रहे हैं। इससे बाज़ार को कुछ सहारा मिल रहा है। वे खासकर ऑटो सेक्टर के बड़े शेयरों में पैसा लगा रहे हैं।

आंकड़ों को देखें तो बुधवार को विदेशी निवेशकों ने 1,605 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे, जबकि भारतीय निवेशकों ने 2,916 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की थी।