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Up Kiran, Digital Desk: लंदन के ओवल मैदान पर चल रहे अंतिम टेस्ट मुकाबले में भारतीय टीम ने एक बार फिर दिखा दिया कि टेस्ट क्रिकेट में गहराई और धैर्य कितना मायने रखता है। जब ऐसा लग रहा था कि टीम की दूसरी पारी जल्द सिमट सकती है, तभी भारत के निचले क्रम के बल्लेबाज़ों ने मोर्चा संभाल लिया और स्कोर को 396 तक पहुँचा दिया, जिससे इंग्लैंड को 374 रनों का विशाल लक्ष्य मिला।

जब शीर्ष क्रम थमा, निचला क्रम छाया

यशस्वी जायसवाल ने जहां एक और शतक लगाकर सीरीज़ का अंत शानदार अंदाज़ में किया, वहीं रवींद्र जडेजा, वाशिंगटन सुंदर और आकाश दीप ने मिलकर ऐसी साझेदारियाँ कीं, जिन्होंने मैच की दिशा ही बदल दी। जडेजा ने 53 रन बनाए और सीरीज़ में छठी बार 50 या उससे ज़्यादा का स्कोर कर भारतीय रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज कराया, पीछे छोड़ते हुए विराट कोहली, सुनील गावस्कर और ऋषभ पंत जैसे दिग्गजों को।

वाशिंगटन सुंदर का संयम और समझदारी

जब स्कोरबोर्ड पर 357/8 का स्कोर टिका हुआ था और टीम के अधिकतर नामी बल्लेबाज़ पवेलियन लौट चुके थे, तब वाशिंगटन सुंदर ने मोर्चा संभाला। उन्होंने 53 रनों की शांत और सूझबूझ भरी पारी खेली, जिसमें उन्होंने टेल-एंड बल्लेबाज़ों के साथ मिलकर बहुमूल्य रन जोड़े और टीम को लगभग 400 तक पहुंचा दिया।

आकाश दीप: नई ऊर्जा का प्रतीक

तेज़ गेंदबाज़ आकाश दीप ने न केवल गेंद से बल्कि बल्ले से भी अपना जौहर दिखाया। उन्होंने 66 रनों की उपयोगी पारी खेली और टीम के स्कोर में अहम योगदान दिया। यह पारी इस बात की मिसाल बनी कि किस तरह एक ऑलराउंड टीम प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट में निर्णायक साबित हो सकता है।

इतिहास के आईने में लक्ष्य कितना मुश्किल?

ओवल में चौथी पारी में सबसे बड़ा लक्ष्य 263 रन रहा है, जिसे इंग्लैंड ने 1902 में हासिल किया था। 2024 में श्रीलंका ने भी इस मैदान पर 219 रनों का लक्ष्य चेज़ किया था। ऐसे में भारत द्वारा रखा गया 374 रनों का टारगेट इस मैदान के इतिहास में एक चुनौतीपूर्ण आंकड़ा है, जिसे पार करना इंग्लैंड के लिए आसान नहीं होगा।

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