
Up Kiran, Digital Desk: बरेली में पिछले हफ़्ते ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद को लेकर हुई हिंसक झड़पों के बाद, आज जुम्मे की नमाज़ को देखते हुए शहर को हाई अलर्ट पर रखा गया है। प्रशासन किसी भी तरह की कोई ढील नहीं देना चाहता और शांति बनाए रखने के लिए हर ज़रूरी कदम उठा रहा है।
आपको बता दें कि पिछले हफ़्ते एक प्रदर्शन के रद्द होने के बाद शहर में बड़े पैमाने पर अशांति फैल गई थी। एक मस्जिद के बाहर करीब 2,000 लोगों की पुलिस से झड़प हो गई थी, जिसके बाद 80 से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
क्यों उठाए जा रहे हैं इतने कड़े कदम?
उसी घटना को देखते हुए, इस बार प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। किसी भी तरह की अफवाह को फैलने से रोकने और सांप्रदायिक तनाव को कम करने के लिए कड़े फ़ैसले लिए गए हैं:
चार ज़िलों में इंटरनेट बंद: बरेली के साथ-साथ पास के तीन ज़िलों—शाहजहाँपुर, पीलीभीत और बदायूँ—में भी शनिवार दोपहर तक इंटरनेट सेवाएँ पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं। इसमें मोबाइल डेटा, ब्रॉडबैंड और SMS सेवाएँ भी शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि दशहरे के त्योहार के दौरान किसी भी तरह की ग़लत सूचना फैलने का डर था।
चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात: शहर की सुरक्षा व्यवस्था को कई गुना बढ़ा दिया गया है। पुलिस, पीएसी (Provincial Armed Constabulary) और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की भारी तैनाती की गई है। संवेदनशील इलाकों पर नज़र रखने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
धर्मगुरुओं से शांति की अपील: शहर को अलग-अलग सुरक्षा ज़ोन में बाँटा गया है। प्रशासन ने धर्मगुरुओं से भी बात की है और उनसे अपील की है कि वे अपने अनुयायियों से नमाज़ के बाद शांति से घर लौटने के लिए कहें।
पिछले हफ्ते यह तनाव तब शुरू हुआ था जब मौलाना तौकीर रजा खान ने ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान के समर्थन में होने वाले एक प्रदर्शन को रद्द कर दिया था। इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया, जो देखते ही देखते पत्थरबाज़ी और हिंसक झड़पों में बदल गया।
आज की नमाज़ से पहले, शहर के एक वरिष्ठ मौलाना अहसान रजा खान ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि लोग नमाज़ अदा करने के बाद अमन के साथ अपने-अपने घरों को लौट जाएँ।